बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोता घाटी में गिरते हुए लूज बोल्डर निर्माण एजेंसी के साथ प्रशासन व यात्रियों के लिए बने सिरदर्द – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोता घाटी में गिरते हुए लूज बोल्डर निर्माण एजेंसी के साथ प्रशासन व यात्रियों के लिए बने सिरदर्द

देहरादून/देवप्रयाग

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोता घाटी पर आल वेदर रोड बनकर तैयार हो तो गयी है लेकिन सड़क पर बीच बीच मे पहाड़ी से गिरते छोटे बड़े पत्थर निर्माण कम्पनी ओर प्रशासन के लिए सिर दर्द बने हुए हैं।
पहाड़ी से गिरते इन पत्थरों के कारण पहली बार 24 मार्च को प्रशासन ने क्लोजिंग की फिर खोल दी,जब फिर पत्थर गिरने की शिकायत मिली तो अबकी बार 20 दिन के लिए मार्ग बंद हुआ।अप्रैल के मध्य से मई तक खुला रहा।पुनः जून में बन्द हुआ और खुल भी गया।लेकिन जुलाई में बरसात शुरू होते ही फिर बन्द कर दिया गया और तभी से
पहाड़ी के लूज बोल्डर को हटाने का काम लगातार जारी है। हालांकि निर्माण एजेंसी ने इसके लिए कुछ अनुभवी फर्मों की मदद भी ली है। जल्द से जल्द हाइवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू किये जाने की कवायद जारी है।
पिछले 9 महीनों से प्रशासन निर्माण एजेंसी और यात्रियों के बीच नूरा कुश्ती जारी है लेकिन बिल्डर कभी भी बेधड़क सड़क पर गिरने लगते हैं।
बता दें कि 19 अक्तूबर को एसडीएम आकांक्षा वर्मा के साथ मोके पर पहुंची टीम में
जियोलॉजिस्ट के साथ ही लोनिवि, खनन , पुलिस और परिहवन विभाग के अधिकारियों ने तोता घाटी के इस हिस्से का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया था। निरीक्षण उपरांत निर्माण एजेंसी को तोता घाटी की पहाड़ी पर से गिरते इन लूज बोल्डर्स को हटवाने को आदेशित किया गया था। ताकि हाइवे को खोलने के बाद सभी वाहन सुरक्षित रहे ओर यात्री निर्भय होकर यात्रा कर सकें।
अब निर्माण एजेंसी ने लूज बोल्डर को तोड़कर हटाने का काम शुरू किया है। जबकि परेशानियों के निदान के लिए कुछ निजी कंपनियों से भी मदद ली जा रही है ताकि जल्द से जल्द तोता घाटी में अवरूद्ध हाइवे को सभी वाहनों की आवाजाही खोली जा सकें।

उपजिलाधिकारी आकांक्षा वर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि लूज बोल्डर को हटाने का काम लगातार जारी है। यात्रियों को लगभग 30 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ रहा है।
प्रशासन का प्रयास रहेगा कि जल्द ही हाइवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाए। ताकि बद्रीनाथ या बीच मे पडने वाले पहाड़ के गांवों कस्बो तक निर्बाध ओर अनवरत यात्रा की जा सके।अभी तो ज्यादा भीड़भाड़ नही है परंतु कपार्ट् बन्द होते समय यात्रियों को असुविधा न हो।

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