देहरादून
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय का जीवन व सिद्धांत वर्तमान युवा पीढ़ी को मानव सेवा, आत्मनिर्भरता, सादगी, त्याग तथा राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देते हैं। उनकी आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के विचार आज प्रासंगिक बन चुके हैं। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को राजभवन में पं0 दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान, उत्तराखण्ड द्वारा पं0 दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर आयोजित ‘‘सेवा रत्न सम्मान समारोह’’ में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा श्रीमती मौर्य ने डॉ0 अमिता उप्रेती, एम्स ऋषिकेश के निदेशक डॉ0रविकान्त, डा0विजय धस्माना, डॉ0सुनील सैनी, डॉ0 अश्वनि कुमार काम्बोज, डॉ0 श्रीमती इन्द्रा अग्रवाल, डा0एन0एस0खत्री, डॉ0आर0के0जैन, डा0बी0के0एस0संजय, डॉ0सन्दीप आहुजा, डॉ0महावीर सिंह, डा0सुजाता संजय, डा0राकेश मित्तल, डॉ0 जी0एल0मुखर्जी, डॉ0भागीरथी जंगपांगी, डॉ0संजय उप्रेती, डॉ0सुनील अग्रवाल, डॉ0ए0के0सिंह, डा0आनन्द गोयल, डॉ0 ताराचन्द गुप्ता, डॉ0रचित अग्रवाल, सरदार हरजीत सिंह सब्बरवाल, श्री संजय सिंगला, सुश्री तनु जैन, जितेन्द्र काम्बोज, पं0राम लगखन गैरोला, डॉ0सतीश अग्रवाल, हरी मोहन लोहिया, महेन्द्र अग्रवाल, इन्जी0गोपाल कृष्ण मित्तल, प्रान्त सरंक्षक रोशन लाल अग्रवाल, समारोह संयोजक योगेश अग्रवाल को कोरोना योद्धाओं के रूप में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने कहा कि प0 दीनदयाल उपाध्याय जी एक प्रखर राष्ट्रवादी और चिंतक थे। पंडित दीन दयाल जी सही मायने में गरीबों के मसीहा, उनका दुःख दर्द समझने वाले इंसान थे। उनका जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित था। समाजसेवा व राजनीति में कार्य करने वाले व्यक्ति उनसे प्रेरणा ले सकते है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि पं. दीनदयाल जी स्वदेशी और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था पर विश्वास करते थे, जिससे भारत आत्म निर्भर हो। उसी दिशा में हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी कार्य कर रहे हैं, जो हम सबके लिये प्रेरणास्रोत हैं। अनेक डॉक्टर्स और समाजसेवियों को बधाई के पात्र है जो राष्ट्रहित में अपना योगदान दे रहे हैं तथा जिन्हें सेवा रत्न सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है। वर्तमान में कोविड-19 के सकंटकाल में चिकित्सकों, नर्सिंग व पेरामेडिकल स्टाफ का विशेष योगदान रहा है। कोरोना योद्धाओं को सम्मानित किया जाना प्रंशसनीय पहल है। इससे कोरोना योद्धाओं का मनोबल बढ़ेगा तथा जनमानस को भी सेवा कार्यों हेतु प्रेरणा मिलेगी।