पाप आचरण से मनुष्य जन्म निरर्थक…आचार्य विजेंद्र ममगाई

देहरादून

शिव मन्दिर प्रबन्ध समिति कार्यकारिणी एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला द्वारा आयोजित श्री राम कथा के द्वितीय दिवस में एमडीडीए कॉलोनी डालनवाला क्षेत्र में शाम को आयोजित श्री राम कथा में व्यास आचार्य बिजेन्द्र प्रसाद ममगांई ने कहा कि मानव जीवन में सुख-दु:ख आता जाता रहता है सुख क बाद दुःख और दुःख के उपरान्त सुख निमित है मनुष्यों को कभी भी दुख में उदासीन नहीं होना चाहिये, बल्कि दुख का समय पर ईश के शरणागत हो जाना चाहिये,उक्त विचार एम० डी० डी०ए० डालनवाला में आयोजित कथा में आचार्य श्री ने याज्ञवल्क्य भरद्वाज सम्वाद एक तीर्थ प्रजागराज त्रिवेणी संगम का वर्णन करते हुये का कि त्रिबेणी में स्नान दान करने मात्र से मुक्ति हो जाती है, कोष भर दूर रहकर भी अगर कोई शरणागत भाव से गंगा – गंगा नाम का उचचारण करता है तो उसके समस्त पाप जलते हुये रुई के ढेर के समान समाप्त हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि माँ सती का अपने पिता श्री के यज्ञ में जाकर अपने शरीर का त्याग कर देती है, अर्थात् बिना बुलाये पिता के यज्ञ में पहुँचकर सती ने देखा कि यहाँ पर मेरे पति शंकर का कोई भाग नहीं है, क्योंकि शंकर से दक्ष बैर भाव रखता था, जिससे यज्ञ शंकर को वंचित कर दिया, पति का अनादर समझकर माँ सती ने अपना शरीर अपने पति शंकर के चरणों का ध्यान कर दक्ष के यज्ञ कुण्ड में भस्म कर दिया। आज तीसरे दिन की कथा को सुन हजारों की संख्या में आए कथा प्रेमी भाव विभोर दिखे।

कथा श्रवण के दौरान शिव मन्दिर प्रबन्ध समिति कार्यकारिणी के अध्यक्ष प्रवीन टीटूत्यागी, उपाध्यक्ष आनन्द त्यागी,उपाध्यक्ष अकबर सिंह नेगी ,सचिव राजीव शर्मा,संयुक्त सचिव जसवन्त जोनवाल, कोषाध्यक्ष नन्द किशोर वर्मा,लेखा निरीक्षक सन्तराम जायसवाल,कार्यकारिणी सदस्य सुखदेव शर्मा,कार्यकारिणी सदस्य एनके सिंह,कार्यकारिणी सदस्य राकेश शर्मा,कार्यकारिणी सदस्य राकेश गुप्ता के साथ आज की कथा में शामिल प्रमुख लोगो में

विद्वत सभा के पूर्व अध्यक्ष संदीप रतुड़ी,पवन जायसवाल,उम्मेद सिंह बंगारी ,नन्दकिशोर वर्मा,सुखदेव शर्मा,सन्तराम जायसवाल ,ममता शर्मा ,प्रवेश त्यागी पार्षद, मूर्ति देवी त्यागी, टीकाराम पांडे,रानी कन्नोजिया,जानकी ठाकुर,सुशील वर्मा,गोकुल सिंह ,गुफ्तार विश्वकर्मा,विजय गुप्ता ,किशोर सिंह पंवार,राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा,पूनम त्यागी,संगीता वर्मा

,राधा वर्मा,निशान्त वर्मा ,कीर्ति वर्मा ,पुष्पा दोहरे ,सरोजिनी गैरोला आदि मौजूद थे।

इस दौरान कथा में व्यास ममगाई के साथ चंद्र प्रकाश ममगाई,

सुभाष नौटियाल,रोहित बहुगुणा,श्रीकांत शुक्ला,राजेश्वर सेमवाल,रविंद्र डंगवाल एवम सहयोगी संस्थाओ के रूप में श्री दुर्गा वाहिनी सोशल वेलफेयर सोसायटी,श्री शिव काँवड़ संघ एमडीडीए, देवभूमि सामाजिक जनविकास सांस्कृतिक संस्था एवं

समस्त महिला संकीर्तन मण्डली एमडीडीए कॉलोनी आदि संस्थाएं सहयोगी की भूमिका में मोजूद रहीं।

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