देहरादून
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही सरकारी तन्त्र सक्रिय हो गया। इसके लिए सबसे पहले सरकारी भवनों, सार्वजनिक स्थलों और निजी संपत्ति से अनधिकृत रूप से लगाई गई प्रचार सामग्री हटाई जाएगी।
उत्तराखण्ड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने शनिवार शाम को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिना अनुमति के लगी प्रचार सामग्री की निगरानी को सभी विधानसभा क्षेत्रों में तीन-तीन फ्लाइंग स्क्वाड गठित कर दिए गए हैं। इनमें एक मजिस्ट्रेट और तीन से चार पुलिसकर्मी शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार फ्लाइंग स्क्वाड 24 घंटे के भीतर सभी विधानसभा क्षेत्रों में निगरानी करेंगे। उन्होंने बताया कि 48 घंटे के भीतर सरकारी संपत्ति और सार्वजनिक स्थलों पर बगैर अनुमति के लगाए गए बैनर, होर्डिंग समेत अन्य प्रचार सामग्री को हटाया जाएगा। इसी तरह निजी संपत्ति से भी 72 घंटे के भीतर प्रचार सामग्री हटवाई जाएगी।
सरकारी व निजी संपत्ति और सार्वजनिक स्थलों पर बगैर अनुमति के लगाई गई प्रचार सामग्री को हटाने में आमजन भी सहयोग दे सकते हैं। इसके लिए वे निर्वाचन आयोग के सी-विजिल एप पर फोटो अपलोड कर भेज सकते हैं। फिर इसे तत्काल फ्लाइंग स्क्वाड को भेजकर हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव प्रचार अथवा चुनाव संबंधी यात्रा के लिए कोई भी दल अथवा प्रत्याशी सरकारी वाहन का उपयोग नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही निर्माण कार्यों के नए टेंडर नहीं होंगे। जो कार्य चालू हैं, उनके बारे में 72 घंटे के भीतर जानकारी ली जाएगी।
विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर आयोग की पैनी नजर रहेगी। इस क्रम में वीडियो सर्विलांस टीम प्रत्येक गतिविधि रिकार्ड करेगी। फिर खर्चों का ब्योरा रखने वाली टीम इसका आकलन करेगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव में धनबल, शराबबल आदि को रोकने के लिए सभी संबंधित विभागों की टीमों को सक्रिय कर दी गयी हैं। यह टीमें रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट आदि पर भी नजर रखेगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन आदि के बारे में कोई शिकायत दर्ज करानी है तो वह हेल्पलाइन नंबर 1950 की मदद ले सकता है। शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके लिए नोडल अधिकारी नामित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि सुविधा एप पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
निर्वाचन आयोग ने 15 जनवरी तक राजनीतिक रैलियों, सभाओं, पदयात्रा, रोड शो, बाइक रैली जैसे आयोजनों पर रोक लगाई है। इसके बाद आयोग कोरोना के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा कर निर्णय लेगा। यदि आयोग चुनाव अभियान के संबंध में कोई निर्णय लेता है तो इसकी अनुमति आनलाइन दी जाएगी। रैली, सभाओं के लिए प्रदेश में 601 मैदान चिह्नित किए जा चुके हैं।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नामांकन पत्र और नामांकन के साथ दाखिल किए जाने वाला शपथपत्र आनलाइन भी उपलब्ध होगा। यद्यपि, नामांकन प्रपत्र प्रत्याशी को स्वयं जमा करना होगा। जमानत राशि भी आनलाइन जमा की जा सकती है। यह सुविधा भी दी गई है कि यदि प्रत्याशी किसी दूसरे क्षेत्र का मतदाता है तो वह आनलाइन इसका प्रमाणपत्र ले सकता है।
चुनाव आयोग ने इस बार स्टार प्रचारकों की संख्या भी घटा दी है। राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त दलों के लिए अधिकतम 30 स्टार प्रचारक तय किए गए हैं। पहले यह संख्या 40 होती थी। इसी तरह गैर मान्यता प्राप्त दलों के लिए स्टार प्रचारकों की संख्या 20 से घटाकर 15 की गई है। ये भी तय किया गया है कि स्टार प्रचारक के किसी प्रस्तावित कार्यक्रम की 48 घंटे पहले आयोग को सूचना देनी होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव में कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा। मतदान से जुड़े कार्यों में उन्हीं कार्मिकों को लगाया जाएगा, जिन्हें कोरोनारोधी वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं। पोलिंग एजेंट के लिए भी यह अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि चुनाव से संबंधित किसी भी कार्य में गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड समेत चुनाव वाले पांचों राज्यों के लिए वैक्सीन की अतिरिक्त डोज के संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भी लिखा है।