नगर निगम में नियमों के अधीन चिन्हित सड़को को सार्वजनिक सड़क घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है, इससे पूर्व निगम द्वारा आमजनता से सड़क किनारे नोटिस चिपकाकर 1माह अवधि में मांगता है आपत्ति

देहरादून

उत्तराखंड की राजधानी के शहर दून के लगातार विकास एवं निर्माण कार्य होने के कारण कई ऐसी सड़के भी अस्तित्व में आई है जो सार्वजनिक सड़क घोषित नहीं हो पाई है। इन सड़को के सार्वजनिक सड़क घोषित नहीं हो पाने के कारण एक तरफ जहां इन सड़को का रखरखाव करने में समस्या आ रही है। वहीं दूसरी तरफ आमजन को भी परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है ।

लोक निर्माण विभाग द्वारा भी इस आशय से नगर आयुक्त मनुज गोयल को अवगत कराया गया कि उनके विभाग द्वारा कई सड़को के निर्माण/रखरखाव के प्रस्ताव तैयार किये गये है किन्तु इन सड़को के सार्वजनिक सड़क घोषित नहीं होने के कारण सड़को पर स्वामित्व की स्थिति स्पष्ट नहीं है। जिस कारण लोक निर्माण विभाग को इन सड़कों पर कार्य करने में समस्यायें आ रही है।

नगर आयुक्त ने अधिकारियों को दिये निर्देश…

नगर आयुक्त द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि सड़को को चिन्हित कर सार्वजनिक सड़क घोषित किये जाने की कार्यवाही करें।

लोक निर्माण विभाग द्वारा ऐसी सड़को को चिन्हित करते हुये उनकी सूची नगर निगम को उपलब्ध कराई गयी है जिन्हें सार्वजनिक सड़क घोषित किया जाना है।…

नगर निगम द्वारा नियमों के अधीन चिन्हित सड़को को सार्वजनिक सड़क घोषित करने की कार्यवाही की जा रही है।

सड़को को सार्वजनिक सड़क घोषित करने के यह है प्रावधान…

●👉सड़को को सार्वजनिक सड़क घोषित करने से पूर्व नगर निगम द्वारा आमजनता से सड़क के एक भाग में नोटिस चिपकाकर आपत्ति मांगी जाती है। जिस हेतु एक माह का समय दिया जाता है।

● 👉किसी सड़क के सम्बन्ध में आपत्ति प्राप्त न होने की दशा में उस सड़क को सार्वजनिक सड़क घोषित किया जायेगा।

●👉किसी सड़क के सम्बन्ध में आपत्ति प्राप्त होने की दशा में आपत्ति का निराकरण करने के उपरांत उस सड़क को सार्वजनिक सड़क घोषित करने की कार्यवाही की जायेगी।

अब तक सार्वजनिक सड़क घोषित करने हेतु चिन्हित सड़के*

●👉लोक निर्माण विभाग द्वारा अभी तक वार्ड सं0-77,82,83,86,87,88,89,91,92 एवं 93 में 208 निजी सड़को की पहचान कर उनकी सूची नगर निगम को उपलब्ध करा दी गई है।

● 👉इन सभी सड़को के सार्वजनिक होने से 35.56 किमी0 सड़को का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जायेगा।

सड़को के सार्वजनिक घोषित होने से लाभ…

शहर में रिहायशी कालोनियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है। इन कालोनियों में कालोनाइजर्स द्वारा सड़के तो काटी जा रही है किन्तु उन सड़को पर अधिकांश कालोनाइजर्स द्वारा विकास कार्य नहीं कराये जाने के कारण वह सड़के विकास रहित (जैसे कच्ची सड़क/स्ट्रीट लाईट रहित/सीवर रहित आदि) रह जाती है। सड़को के सार्वजनिक घोषित नहीं हो पाने के कारण नगर निगम सहित अन्य सरकारी विभाग इन सड़को में विकास कार्य कर पाने में असमर्थ होते है। जिससे सरकारी विभाग/नगर निगम को जनता के रोष का सामना करना पड़ता है।

सड़को के सार्वजनिक घोषित होने के उपरांत इन स्थानों पर विकास कार्य करना सम्भव हो पाएगा जिससे जनता पक्की सड़क/स्ट्रीट लाइट आदि की सुविधा से लाभान्वित हो सकेगी।

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