विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम के कपाट पौराणिक विधि विधान के साथ 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं की मोजुदगी में खुले

देहरादून/रुद्रप्रयाग

विश्व प्रसिद्ध चार में एक श्री केदारनाथ के कपाट धार्मिक रीति रिवाज के साथ सुरक्षा के बीच आगामी छह महीने के लिए भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए । मंगलवार को इस अवसर पर दस हजार से अधिक भक्त मौजूद रहे। हालांकि मौसम खराब होने की वजह से सीएम पुष्कर सिंह धामी वहां नहीं पहुंच पाए।

पौराणिक परंपरा के अनुसार मंगलवार सुबह 6:15 मिनट पर मंदिर के मुख्य कपाट खोल दिए गए। इससे पूर्व सुबह तड़के केदार बाबा की पंचमुखी मूर्ति का श्रंगार कर, भोग लगाया गया व पूजा अर्चना की गई। इसके पश्चात ही पंचमुखी डोली को मंदिर परिसर में लाया गया। बाबा के मंदिर के सील बंद कपाट को प्रशासन एवम मंदिर समिति की मौजूदगी में खोल दिए गए इसी के साथ बाबा केदार अपने धाम में विराजमान हो गए।

कपाट खोलते साथ ही 35 कुंतल फूलों से विशेष रूप से सजाए गए

केदारनाथ धाम भोले बाबा की जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर केदारनाथ धाम में 10 हजार से ज्यादा संख्या में भक्त मौजूद रहे।

बताते चलें कि बदरीनाथ धाम के कपाट भी 27 अप्रैल को सुबह 6:10 बजे खोले जाने हैं। जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मयूर दीक्षित और पुलिस अधीक्षक डाॅ. विशाखा अशोक भदाणे धाम में लागातार कैंप कर नजर्वखे हुए हैं।मौसम के ठंडे मिजाज के चलते केदारनाथ यात्रा में चुनौतियां भी दिख रही हैं । यहां मौसम लगातार करवट बदल रहा है।

कपाट खुलने के साथ ही मंगलवार सुबह से केदारनाथ के लिए हेली सेवा शुरू हो गई। नौ एविएशन कंपनी केदारघाटी में जाखधार, शेरसी, फाटा, नारायणकोटि, जामू और सोनप्रयाग से हेली सेवा का संचालन कर रही हैं।

केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) ने यात्रियों की सहायता के लिए पांच पड़ाव बनाए हैं। ये पड़ाव केदारनाथ, लिनचौली, सोनप्रयाग, अगस्त्यमुनि और रतूड़ा में बनाए गए हैं। हर पड़ाव में दो-दो दल तैनात किए गए हैं। ये दल एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव के बीच गश्त भी करते रहेंगे। सोनप्रयाग, लिनचौली व केदारनाथ पैदल मार्ग के बीच ये यात्रियों की सहायता को विशेष रूप से नजर आएंगे। एसडीआरएफ के इन दलों को बर्फ हटाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्नो रिमूवर के साथ ही अन्य आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं।

इसके साथ ही पड़ाव स्थलों पर सी एम् धामी द्वारा हेल्थ एटीएम के साथ ही प्राथमिक उपचार के लिए दवाओं की व्यवस्था भी की गई है।

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