देहरादून/उत्तरकाशी
रविवार की प्रातः दैनिक प्रातःकालीन आरती के उपरांत श्री काशी विश्वनाथ गुरुकुलम् के सप्तम सत्र पर आज समस्त युवाओं और विद्यार्थियों के मध्य विश्व के सर्वोच्च पर्वतारोहण संस्थानों में एक उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) का परिचय करवाया गया।
एडवेंचर से टीम वर्क की अहमियत, पर्यावरण एवं पर्यावरण संरक्षण और सामूहिक रहन सहन के विषय में सीखा जा सकता है । एडवेंचर में प्रशिक्षु वह सीखता है जो उसे कोई कक्षा नहीं सीखा सकती है ।
निम के संग्रहालयाध्यक्ष डॉ विशाल रंजन ने NIM का परिचय व 59वर्षों के गौरवशाली का इतिहास बताया।
उत्तरकाशी के ग्राम बोंगा निवासी एवेरेस्टर और मुख्य प्रशिक्षक दशरथ सिंह ने अपने आस पास के पर्यावरण एवम उत्तरकाशी के सुगम मार्ग, पहाडियों के बारे में जानकारी साझा की व साथ ही प्रशिक्षक रेखा अग्निहोत्री व जमुना कैंतुरा ने अलग अलग सिलिंग से नॉट बनाना सिखाया जो वर्तमान समय मे दैनिक जीवन मे कार्य आने वाली जरूरत बन चुकी है तथा पर्वतारोहण के उपकरण के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।
NIM ने जनपद उत्तरकाशी को विश्व पटल पर एक अलग पहचान दी है, उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान(NIM) का होना उत्तरकाशी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है ।
गुरुकुलम् कार्यक्रम में अजय पुरी द्वारा NIM के संग्रहालयाध्यक्ष डॉ विशाल रंजन, मुख्य प्रशिक्षक श्री दशरथ रावत जी व वरिष्ठ प्रशिक्षक रेखा अग्निहोत्री , जमुना कैंतुरा को श्री विश्वनाथ कवच व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस कार्य मे पारस कोटनाला, रोहित नेगी श्रीयम डंग,अंकित ममंगाई, पृथ्वीराज सिंह राणा, सोमेश अस्वाल , अमीशा, सौरभ , गौरव आदि ने सहयोग प्रदान किया।