देहरादून/ऋषिकेश
विश्व सिकल सेल एनीमिया जागरूकता दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत के मार्गदर्शन में गूगल मीट का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न स्थानों से लोगों ने प्रतिभाग किया और संबंधित बीमारी के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान उन्होंने संस्थान के बाल रोग विशेषज्ञों से कई प्रश्न भी पूछे।
विश्व सिकल सेल एनीमिया दिवस पर आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत कुमार वर्मा और डॉ. विनोद ने लोगों से बातचीत की और उनके सवालों का जवाब दिया।
इस दौरान भविष्य में जन्म लेने वाले बच्चे में यह रोग होने की संभावना क्या है, प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि यदि माता-पिता दोनों SCA के वाहक (carrier) हैं, तो प्रत्येक गर्भावस्था में SCA वाले बच्चे के होने का जोखिम 25 प्रतिशत रहता है। प्रभावित व्यक्ति की संतानों में रोग संचरण की संभावना क्या होती है, सवाल पर चिकित्सकों ने बताया कि यदि पति या पत्नी को कोई वंशानुगत हीमोग्लोबिन और अन्य विकार नहीं है तो सभी संतान रोग वाहक (carrier) होंगे।
इस रोग में हमें किस तरह की जीवनशैली अपनानी चाहिए, इस पर चिकित्सक ने बताया कि प्रतिदिन फोलिक एसिड की खुराक लें, साथ ही स्वस्थ आहार चुनें और भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें। इसके अलावा उन्होंने नियमितरूप से संतुलित व्यायाम करने का भी सुझाव दिया है, साथ ही उनका कहना है कि अत्यधिक व्यायाम से बचने का प्रयास करना चाहिए।
लोगों के सवालों का उत्तर देते हुए बाल रोग विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इस रोग में हमें बरती जाने वाली सावधानियों के बाबत बताया कि अत्यधिक गर्म या बहुत ठंडी स्थिति से बचने की कोशिश करनी चाहिए, कम ऑक्सीजन के स्तर वाली जगहों या स्थितियों से बचने की कोशिश करें, मसलन पहाड़ पर चढ़ना या बहुत कठिन व्यायाम करने तथा अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
आयोजन में बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. नवनीत कुमार भट्ट, जूनियर रेजिडेंट डा. कंवर, नर्सिंग इंचार्ज लेखराज मीणा आदि ने सहयोग किया।