देहरादून
अमर बलिदानी मेजर चित्रेश बिष्ट ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उत्तराखंड के लाल चित्रेश ने देशसेवा का पथ चुना, यह पथ रोजगार का अवसर न होकर, राष्ट्रहित में कर्तव्य पथ का साक्षात अवसर था। सेना के कठिन से कठिन आपरेशन के दौरान शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट अपने कर्तव्य को सर्वोच्च मानकर जान की परवाह किए बिना समर्पित रहे। मेजर चित्रेश बिष्ट का बलिदान प्रत्येक देशवासी को सदैव गौरवान्वित करता रहेगा। यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहीं। वे नेहरू कालोनी में बलिदानी चित्रेश बिष्ट की स्मृति में निर्मित द्वार का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी व महापौर सुनील उनियाल गामा ने नेहरू कालोनी में बने शहीद द्वार का मंत्रोचारण के साथ उद्घाटन किया । बलिदानी को नमन करते हुए महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि मेजर चित्रेश बिष्ट वीरभूमि उत्तराखंड के महान सपूत हैं। उनके अमर बलिदान के प्रति विनम्र भाव से नगर निगम ने बोर्ड बैठक में उनके नाम से शहीद द्वार बनाने का निर्णय लिया था। मातृभूमि की रक्षा में दिए गए बलिदान के लिए। देशवासी सदैव उनके कृतज्ञ रहेंगे। इस अवसर पर बलिदानी मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता एसएस बिष्ट, माता रेखा बिष्ट, नगर आयुक्त मनुज गोयल, उप नगर आयुक्त रोहिताश शर्मा, भाजयुमो प्रदेश मंत्री राजेश रावत, नंदा बल्लभ, नीरू उपस्थित रहे।