देहरादून/ उत्तरकाशी
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा – पौलगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह जाने तीन दर्जन से अधिक श्रमिकों की सुरंग के अंदर फंस गए हैं।
घटना स्थल में निर्माणाधीन टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान युद्ध स्तर से चलाया जा रहा है। फंसे हुए मजदूरो तक पानी के लिए बिछाए गए पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। सुरंग से मलवा हटाने और फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एस्केप पैसेज बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
जिला अधिकारी अभिषेक रूहेला ने कहा की सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और कार्यों को युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। प्रशासन के द्वारा विभिन्न राहत और बचाव एजेंसियों और तकनीकी संगठनों तथा एनएचआईडीसीएल का सहयोग लेकर के बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने जिले के सभी अधिकारियों के छुट्टियां रद्द करते हुए उन्हें तत्काल अपने-अपने कार्य स्थल पर रिपोर्ट करने औऱ राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चौबीसों घंटे तत्पर रहने के निर्देश दिए हैं।
मौके पर डीएम अभिषेक रुहेला सहित पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, उप जिलाधिकारी डुंडा बृजेश कुमार तिवारी,उप जिलधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला घटना स्थल पर मौजूद हैं।
बीआरओ टीम ऑफिसर कमांडिंग नमन नरूला की अगुवाई में अभियान में जुटी टीम के साथ जिलाधिकारी ने अभियान के तकनीकी पहलूओं पर विचार विमर्श किया।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के टीम में राहत और बचाव अभियान में जुटा गई है आईटीबीपी के असिस्टेंट कमांडेंट जाधव वैभव के नेतृत्व में आइटीबीपी की टीम मौके पर है
एनएचएआइ के सीजीएम विशाल गुप्ता भी मौके पर मौजूद
एनडीआरएफ की 30 लोगों की टीम मौके पर टूआईसी रविशंकर बधानी के नेतृत्व में बचाव अभियान में जुटी है।
रविवार तड़के पांच बजे सुबह हुये हादसे में 36 से अधिक मजदूरों की अभी तक फंसे हैं। टनल में अधिकांश मजदूर झारखंड ,उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा असम सहित उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और हिमाचल से भी शामिल है ।
निर्माणाधीन टनल में कार्यदायी संस्था नेशनल हाईवे
एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड ( एनएचआइडीसीएल) के पास वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन नहीं जिसके लिए जिला प्रशासन ने विकास नगर के लखवाड से संपर्क किया गया है।
सीएम धामी स्वयं राहत कार्यों की सीधे जानकारी ले रहे हैं । उन्होंने जिलधिकारी सहित तमाम आपदा प्रबंधन की टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटाने के निर्देश दिये है । उन्होंने रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं ।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि सभी मजदूर जल्द सुरक्षित निकाले।
टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिये एसपी उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी द्वारा मौके पर पुलिस फोर्स, राहत व बचाव दलों को 24 घंटे के लिये तैनात कर दिया है।
दूसरी तरफ इस मामले में NHDCL के पूर्व प्रबंधक ने जानकारी दी है, कि ब्रह्मखाल-पोलगाँव में निर्माणाधीन रोड टनल जो सिलक्यारा से लगभग 2340 मीटर निर्माण की गई है। सिलक्यारा की तरफ से टनल के 270 मीटर भाग के पास 30 मीटर क्षेत्र में मलवा आने के कारण टनल के अंदर की ओर लगभग 35-40 मजदूर फँस गए।
यह हादसा उस वक्त हुआ, जब नाइट शिफ्ट वाले मजदूर टनल से बाहर आ रहे थे और अगली शिफ्ट वाले भीतर जा रहे थे। टनल के मुख्य द्वार से लगभग 300 मीटर दूरी पर उसके ऊपरी हिस्से से मलबा आने से टनल बंद हो गई। यहाँ से करीब 2700 मीटर भीतर मजदूर काम कर रहे थे।
यहां यह उल्लेखनीय है कि इस प्रोजेक्ट की यह सबसे लंबी सुरंग लगभग साढ़े चार किलोमीटर की है। इसका लगभग 4 किलोमीटर तक निर्माण हो गया है। सुरंग के निर्माण में करीब 1000 मजदूर दिन-रात जुटे हुए है ये मजदूर अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे है, क्योंकि फरवरी, 2024 तक इस टनल की खुदाई का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
बताते चलें कि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच इस सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किलोमीटर कम हो जाएगी, सुरंग करीब 853 करोड़ की लागत से बनाई जा रही है। बताया गया कि टनल में फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालना प्राथमिकता है जिसके लिये पुलिस बल व राहत एवं बचाव दल की टीमों को 24×7 मौके पर रेस्क्यू कार्य में जुटी रहेंगी। रेस्क्यू की अपडेट व सहायता के लिये उत्तरकाशी पुलिस की हेल्पलाइन +917455991223 भी जारी की गयी है।