देहरादून
कोरोनाकाल के दौरान सरकार ने फैसला लिया और चारधाम यात्रा शुरु की हालांकि 3.10 लाख लोग ही पहुंच पाए। मंदिरों में जहां बार बार सोशल डिस्टेन्स रखने की बात की जा रही थी वही कई बिना मास्क के भी घुमते दिख रहे थे।
चारधाम यात्रा हालांकि उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी यात्रा जो कि विश्व की बड़ी धार्मिक यात्राओं में शामिल है।
2013 में केदारनाथ आपदा के बाद चारधाम यात्रा को बड़ा झटका लगा था। नतीजतन 2014 से 2016 के दरम्यान तीर्थयात्रियों की संख्या 1 लाख से 3 लाख के बीच सिमट कर रह गई थी।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ पर विशेष फोकस किया तब देशभर से चारधाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने लग गयी थी।खासतौर पर बद्री-केदार धाम आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई। साल 2018 में करीब 7 लाख तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे और साल 2019 में 10 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री केदारनाथ में बाबा भोलेनाथ के दर्शन किए थे।कोरोना के बावजूद 3 लाख 10 हज़ार यात्रिओ का आना भी अपने आप मे महत्त्वपूर्ण आंकड़ा है। जिसमें एक लाख पैंतालीस हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किये,इसमें 134981 तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंचे, 23837 श्रद्धालु गंगोत्री धाम एवं 7731 श्रद्धालु यमुनोत्री धाम दर्शन को पहुंचे।