देहरादून
नवम सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन …जारी
थीम: कोविड-19 के पश्चात एक लचीली पर्वतीय अर्थव्यवस्था की संरचना के उभरते आयाम अनुकूलन, नवप्रवर्तन तथा शीघ्रीकरण
डा. राजेन्द्र डोभाल, अध्यक्ष, सतत् विकास मंच, उत्तरांचल (एसडीएफयू) के द्वारा बताया गया कि नवम् सतत् पर्वतीय विकास शिखर सम्मेलन का आयोजन के दौरान चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया।
प्रथम सत्र – वाटर सिक्योरिटी एण्ड क्लाईमेट रेजिलियंस फ्यूचर फाॅर आईएचआर
पर चर्चा की गयी जिसमें एसटीएस लेप्चा, पूर्व पीसीसीएफ द्वारा अध्यक्षता की गयी। सत्र में हिमालियन राज्यों में वाॅटरसेड के डाटा बेस तथा सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं पर चर्चा की गयी।
द्वितीय सत्र – इनोवेटिव साॅल्यूसन फाॅर द फार्म सेक्टर पर चर्चा के दौरान डा आरएस रावल, निदेशक, जी0बी0 पंत इन्स्टीट्यूट, अल्मोड़ा द्वारा अध्यक्षता की गयी। सत्र में हिमालियन राज्यों में कृषि क्षेत्र की समस्या एवं नवीन तकनीक की उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा की गयी। सत्र के दौरान कृषि उत्पादों की मार्केंटिंग एवं मूल्य संवर्द्धन पर भी चर्चा की गयी।
तृतीय सत्र – डिजास्टर रिस्क रिडकसन एण्ड क्लाईमेट रेजिलियंस फ्यूचर फाॅर आईएचआर सत्र की अध्यक्षता श्री प्रफुल राॅय द्वारा की गयी। हिमालियन राज्यों की संवेदनशीलता को देखते हुये यह सत्र महत्वपूर्ण था जिसमें जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले आपदाओं की रोकथाम तथा नवीन तकनीकों पर विचार रखे गये। इस सत्र में वाडिया इन्स्टीट्यूट आॅफ हिमालियन जियोलाॅजी के निदेशक, डा कलाचंद सांइ द्वारा भी अपने विचार रखे गये।
चतुर्थ सत्र – डिजिटल आॅपरचुनिटी एण्ड ग्रीन फ्यूचर पर चर्चा के दौरान अध्यक्षता श्री सुशील रमोला द्वारा की गयी। इस सत्र के दौरान डिजिटल कनेक्टिविटी एवं उसमें होने वाली तकनीकी खामियों पर चर्चा की गयी एवं साथ ही ग्रीन फ्यूचर को देखते हुये डिजिटी कनेक्टिविटी की आवश्यकता पर जो दिया गया।