देहरादून
दून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy – IMA) में शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड (POP) एक बार फिर से गौरवशाली अवसर रहा, जिसमें कुल 419 जेंटलमैन कैडेट्स ने देश सेवा की शपथ लेकर भारतीय सेना में शामिल होने की दिशा में अपना पहला कदम बढ़ाया। ये युवा सैन्य अधिकारी बनने के लिए कई महीनों के कठोर प्रशिक्षण से गुजरे हैं।
परेड की शुरुआत सुबह 6:38 बजे ‘मार्कर्स कॉल’ के साथ हुई — यह सैन्य परंपरा में एक विशेष संकेत है जो परेड की शुरुआत को दर्शाता है। इसके तुरंत बाद कैडेट्स ने अनुशासन, एकता और समर्पण की भावना से कदमताल शुरू की।
मुख्य अतिथि और रिव्यूइंग ऑफिसर श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी.के.जी.एम. लसंथा रोड्रिगो थे। उन्होंने परेड का निरीक्षण कर कैडेट्स की सलामी ली।
156वें पासिंग आउट परेड का भव्य आयोजन हुआ। इस गरिमामयी परेड की समीक्षा श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो, आरएसपी, सीटीएफ-एनडीयू, पीएससी, आईजी ने की। उन्होंने IMA से सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण कर पास आउट हो रहे कैडेट्स को बधाई दी एवं उत्कृष्ट परेड, अनुशासित परिधान और अद्वितीय समन्वय के लिए प्रशिक्षकों और कैडेट्स की सराहना करते हुए कहा कि यह दौरा भारत और श्रीलंका की सेनाओं के बीच पारंपरिक, सुदृढ़ और ऐतिहासिक सैन्य संबंधों का परिचायक है तथा आपसी सहयोग को और सशक्त बनाएगा।
156वें नियमित पाठ्यक्रम, 45वें तकनीकी प्रवेश योजना (TES) और 139वें तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम के कुल 451 ऑफिसर कैडेट्स, विशेष कमीशन अधिकारियों (SCO-54) सहित नौ मित्र राष्ट्रों के 32 विदेशी कैडेट्स ने प्रशिक्षण पूर्ण कर अकादमी से गौरवपूर्वक विदाई ली। यह दिन IMA के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज हुआ।
परेड के दौरान ऑफिसर कैडेट्स ने ‘सारे जहाँ से अच्छा’ और ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ जैसे प्रेरक सैन्य धुनों पर अनुशासित और जोशीले कदमों से मार्च करते हुए अपनी प्रतिबद्धता, गर्व और आत्मविश्वास का परिचय दिया।
इस ऐतिहासिक क्षण पर उपस्थित उनके परिजन, गणमान्य अतिथि और मीडिया के माध्यम से देश-विदेश के दर्शक साक्षी बने।
परेड को संबोधित करते हुए समीक्षा अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो ने भावुक होते हुए कहा कि IMA के पूर्व छात्र होने के नाते इस ऐतिहासिक परेड की समीक्षा करना उनके लिए गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने याद किया कि किस प्रकार एक साधारण बाल कटवाने के साथ उनकी सैन्य यात्रा की शुरुआत इसी अकादमी से हुई थी।
उन्होंने कहा कि वर्दी केवल एक पद का प्रतीक नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। एक सच्चा अधिकारी अपने चरित्र, आचरण और निर्णयों से अपने अधीनस्थों का विश्वास अर्जित करता है – यह सम्मान केवल रैंक से नहीं मिलता, यह हर दिन के कर्म से कमाया जाता है।
जनरल रोड्रिगो ने IMA के आदर्श वाक्य का उल्लेख करते हुए तीन मूलभूत जिम्मेदारियों पर बल दिया – राष्ट्र के प्रति, अपने सैनिकों के प्रति और वीर जवानों के परिवारों के प्रति। उन्होंने सैनिक के चार आधारभूत मूल्यों – अनुशासन, ईमानदारी, निष्ठा और सम्मान – को सफलता की कुंजी बताया।
उनके अनुसार, अनुशासन आत्म-संयम है, ईमानदारी वह है जो तब भी बनी रहती है जब कोई देख न रहा हो, निष्ठा पद की सीमा से परे होती है, और सम्मान वह पवित्र विश्वास है जो वर्दी के साथ जुड़ा होता है।
उन्होंने कैडेट्स को याद दिलाया कि वे अब देशभक्तों की एक गौरवशाली श्रृंखला का हिस्सा बन चुके हैं और उन्हें यह वर्दी गर्व के साथ, उद्देश्य की भावना से धारण करनी चाहिए। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं को विशेष रूप से बधाई दी और अन्य कैडेट्स को भी लगातार प्रयासरत रहने के लिए प्रोत्साहित किया। विदेशी कैडेट्स को उन्होंने IMA के मूल्यों का वैश्विक दूत बताया।
अपने संबोधन में श्रीलंका सेना प्रमुख ने कहा कि IMA न केवल सैनिकों को प्रशिक्षण देती है, बल्कि राष्ट्र के भावी रक्षकों का निर्माण करती है।
उन्होंने कैडेट्स से विवेकपूर्ण नेतृत्व करने, सत्य और न्याय के लिए संघर्ष करने तथा राष्ट्र की आशाओं को गर्वपूर्वक आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
अपने समापन उद्बोधन में उन्होंने कैडेट्स को IMA की महान विरासत में अपना नया अध्याय जोड़ने की प्रेरणा दी और उत्कृष्ट परेड के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी कहा कि कैडेट्स अब जीवनभर चलने वाले सैन्य बंधुत्व का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के प्रेरणास्पद शब्दों के साथ अपना संबोधन समाप्त किया – “सच्चे बनो, ईमानदार बनो, निर्भीक बनो।”
इस गरिमामय अवसर पर, प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
जिनकी सूची इस प्रकार है…
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और सिल्वर मेडल: अनिल नेहरा — यह सम्मान प्रशिक्षण के हर क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट को दिया जाता है।
गोल्ड मेडल: रोनित रंजन — अकादमिक उत्कृष्टता का प्रतीक।
ब्रॉन्ज मेडल: अनुराग वर्मा — विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित और उल्लेखनीय प्रदर्शन।
टीईएस सिल्वर (Technical Entry Scheme): कपिल — तकनीकी प्रवेश योजना से चयनित कैडेट्स में श्रेष्ठ।
टीजी सिल्वर (Technical Graduate): आकाश भदौरिया — तकनीकी स्नातक कैडेट्स में सर्वोत्तम प्रदर्शन।
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर: केरन कंपनी — यह सम्मान प्रशिक्षण के दौरान सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कंपनी को दिया जाता है।