देहरादून/हरिद्वार
उत्तराखंड के सात जिलों और 12 शहरों में अलग-अलग इवेंट्स में चैंपियन बने उत्तराखंड के 103 सितारे जल्द ही एक महा भोज में एकजुट होंगे। खेल मंत्री रेखा आर्या के निर्देश पर खेल विभाग यह आयोजन करने जा रहा है।
इसके अलावा अधिकारियों को पदक विजेताओं को मिलने वाली नगद धनराशि व अन्य सरकारी घोषणाओं को भी जल्द से जल्द अमली जामा पहनाने के निर्देश दिए गए हैं।
राष्ट्रीय खेलों का आयोजन विकेंद्रित रूप में कुल 12 स्थान पर किया गया था। इन खेलों में औपचारिक रूप से कोई खेल गांव नहीं बनाया गया था यही वजह है कि अलग-अलग इवेंट में चैंपियन बने युवा अभी आपस में भी एक दूजे से परिचित नहीं हुए हैं। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि जल्द ही सभी पदक विजेताओं के सम्मान में एक विशेष भोज खेल विभाग द्वारा आयोजित किया जाएगा। इस दौरान विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया जाएगा। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि सरकार ने पदक विजेताओं के लिए जो भी घोषणाएं की थी उनके क्रियान्वयन में बिल्कुल देरी नहीं की जाएगी। खेल मंत्री ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को खिलाड़ियों को मिलने वाली नगद इनाम राशि और गोल्ड मेडल विजेताओं को आउट ऑफ़ टर्न सरकारी नौकरी देने की जो घोषणा की थी, उन पर अमल करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए।
वहीं 38 में राष्ट्रीय खेलों की सफल और भव्य आयोजन के बाद खेल मंत्री रेखा आर्या ने शनिवार को टपकेश्वर महादेव और हर की पौड़ी पहुंचकर पूजा अर्चना की। उन्होंने खिलाड़ियों की सफलता के लिए खेल शुरू होने से पहले दोनों धार्मिक स्थलों पर पूजा करके मनौती मांगी थी।
शनिवार सुबह सबसे पहले खेल मंत्री रेखा आर्या टपकेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। वहां उन्होंने जलाभिषेक और आरती की। पूजा के बाद खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उन्होंने आयोजन से पहले टपकेश्वर महादेव को पहला निमंत्रण पत्र अर्पित करते हुए भोले का आशीर्वाद मांगा था। खेल मंत्री ने कहा कि उन्होंने ईश्वर से जितना मांगा था उससे कहीं बढ़कर आशीर्वाद मिला और हमारे खिलाड़ी इन खेलों में इतिहास बनाने में कामयाब रहे।
शाम के समय खेल मंत्री रेखा आर्या हरिद्वार हर की पैड़ी पहुंची और गंगा आरती में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि मां गंगा ने राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन की चुनौती रूपी भवसागर से देवभूमि की नैया को पार लगाया है। उन्होंने कहा मां गंगा के आशीर्वाद से ही सब कुछ निर्विघ्न और सफल रूप से संपन्न हो सका।