प्रदेश को आयर्वेद ओर योग ही विश्व स्तर पर पहचान दिला सकता है..राज्यपाल बेबीरानी मोर्य

देहरादून
राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रीय आरोग्य मेंले     के उद्गघाटन  समारोह में कहा कि आयुर्वेद व योग के माध्यम से उत्तराखण्ड राज्य विश्व में अपनी अलग पहचान बना सकता है। उत्तराखण्ड विश्व मानचित्र में वेलनेस टूरिज्म का महत्वपूर्ण गंतव्य हो सकता है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं जड़ी-बूटी उत्पादन में प्रत्यक्ष साझेदारी कर रही है। उत्तराखण्ड में आयुर्वेद, योग तथा सभी आयुष विधाएँ राज्य को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण का भी माध्यम हैं। आयुष की प्रगति एवं लोकप्रियता से स्थानीय उत्पादों तथा पारंपरिक जीवन शैली को बढ़ावा मिलता है। राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने परेड ग्राउण्ड में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय, उत्तराखण्ड सरकार के आयुष विभाग और पी.एच.डी चैम्बर आॅफ काॅमर्स द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय आरोग्य मेले 2020’ का शुभारम्भ किया।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य योग एवं आयुर्वेद की जन्मभूमि है। यह प्रसन्नता की बात है कि राज्य में योग-आयुर्वेद को पर्यटन गतिविधियों से जोड़ने के लिये कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होम स्टे को वेलनेस टूरिज्म से जोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिये। आयुष विधाओं का ग्रामीण एवं कृषि विकास से भी प्रत्यक्ष संबंध है।
इस अवसर पर आयुष मंत्री डाॅ हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में आयुष के लिये असीम संभावनाएं है। राज्य में योग व आयुर्वेद का जन्म हुआ है। केन्द्र व राज्य सरकारें आयुष एवं योग के विकास के लिये निरन्तर कार्यरत हैं।
पंतजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि राज्य में एक हर्बल पार्क विकसित किया जाना चाहिये। देश में बीस हजार प्रकार की प्रजातियों तथा उत्तराखण्ड में बारह हजार प्रजातियों की वनस्पतियां है। सभी वनस्पतियों का डाॅक्यूमेंटशेन आवश्यक है।
परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा योग को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया गया है। विश्व में योग भारत की पहचान बन चुका है। भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
परेड ग्राउण्ड में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय, उत्तराखण्ड सरकार के आयुष विभाग और पी.एच.डी चैम्बर आॅफ काॅमर्स द्वारा 12 से 16 फरवरी 2020 तक ‘राष्ट्रीय आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। राष्ट्रीय आरोग्य मेले के माध्यम से प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों, आयुष, योग के विभिन्न पहलुओं पर हितधाराकों द्वारा विचार मंथन व रणनीतियों पर चर्चा के साथ ही आयुष को प्रोत्साहित करने पर फोकस किया जा रहा है।
राष्ट्रीय आरोग्य मेले में देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा, भारत सरकार आयुष मंत्रालय में उप सचिव रामानन्द मीणा, सचिव आयुष दिलीप जावलकर, पदमश्री भारतभूषण, पीएचडी चेम्बर के अध्यक्ष डा0 डी के अग्रवाल, देश के विभिन्न स्थानों से आये आयुष चिकित्सक, विशेषज्ञ तथा आयुष से जुड़े लोग उपस्थित थे।

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