पुलिस सेवा नियमावली के खिलाफ उतरे पुलिसकर्मी – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

पुलिस सेवा नियमावली के खिलाफ उतरे पुलिसकर्मी

देहरादुन/नैनीताल

पुलिस सेवा नियमावली 2018 के खिलाफ मामले की सुनवाई हाई कोर्ट नेनीताल में चीफ जस्टिस रविंद्र मैथानी की बेंच में होगी, उत्तराखंड पुलिस विभाग द्वारा हाल ही में पुलिस सेवा नियमावली 2018 संशोधन सेवा नियामवली 2019 लागू की गई है। जिससे पुलिसकर्मियों में खासा असंतोष व नाराज़गी है।
इनका कहना है कि उच्च अधिकारीयों द्वारा उप निरीक्षक से निरीक्षक व अन्य उच्च पदों पर अधिकारीयों को पदोन्नति निश्चित समय पर केवल डी पी सी के द्वारा वरिष्ठता व ज्येष्ठता के आधार पर होती है। परंतु पुलिस महकमें की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले पुलिस के सिपाहीयों को पदोन्नति हेतु उपरोक्त मापदंड न अपनाते हुए,कई विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। जैसे विभागीय परीक्षाओं से लेकर 5 किलोमीटर की दौड़ तक से भी गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं वरन इन सभी प्रक्रियाओं को उत्तीर्ण करने के साथ साथ अभिलेखों के परीक्षण के बाद ही पुलिसकर्मियों को पदोन्नति मिलती है। इस प्रकार से उच्च अधिकारीयों के द्वारा निचले स्तर के पुलिसबलों के साथ दोहरा मानदंड अपनाया जाता है। जिस कारण 25 से 30 वर्ष की संतोषजनक सेवा करने के बाद भी सिपाहियों की पदोन्नति तक नसीब नहीं हो पाती है। मसलन अधिकत्तर पुलिसकर्मी सिपाही के पद पर भर्ती होते हैं,और सिपाही के पद से ही बिना पदोन्नति के रिटायर भी हो जाते हैं।
उत्तरखंड पुलिस विभाग के उच्च अधिकारीयों द्वारा अब पुलिसकर्मियों खुद का शोषण होना बताया गया है और भविष्य में किसी भी निचले स्तर पर कार्यरत पुलिसकर्मियों का शोषण न हों। तभी याचिकाकर्ता सिपाहियों ने न्याय के लिए उच्च न्यायलय में याचिका दायर की है। जिसकी सुनवाई 13 अक्टूबर 2020 को चीफ जस्टिस रविंद्र मैथानी की बेंच में सुनिश्चित की गयी है। अब इस पुरे प्रकरण पर माननीय उच्च न्यायलय क्या दिशा निर्देश देती है यह तो फैसला आने के बाद ही पता चलना सम्भव होगा।

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