केमिकल आपदा के लिए 12 फरवरी को होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर तैयारी शुरू

देहरादून
सचिवालय सभागार में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा कैमिकल इंडस्ट्रियल आपदा के परिपेक्ष्य में कॉर्डिनेशन एवं प्रिपेयर्डनेस विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
यह कार्यशाला 12 फरवरी को होने वाली मॉक अभ्यास से पूर्व तैयारी के लिए आयोजित की गई। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखण्ड के इंडस्ट्रियल इलाकों वाले जनपद यथा देहरादून, ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार को 12 फरवरी से पूर्व मॉक कैमिकल आपदा अभ्यास में आपदा से निपटने हेतु वांछित तैयारियां करने के निर्देश दिये गए, ताकि किसी भी इंडस्ट्रियल आपदा के समय राज्य, जिले एवं उद्योग इकाईयां तत्पर रहें। कार्यशाला में सीनियर कन्सलटेंट राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण मेजर जनरल वी.के. दत्ता ने कहा कि मॉक अभ्यास के लिए तीनों जिलों को कैमिकल इंडस्ट्रियल आपदा विषयक संभावित भयावह वातावरण की स्थिति दी जायेगी। जिससे निपटने के लिए इन तीनों जनपदों ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून को तैयारी करनी पड़ेगी। मे.ज. दत्ता ने अपेक्षा की, कि औद्योगिक बाहुल्य इन जनपदों को पर्याप्त मात्रा में पी.पी.ई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) अधिक से अधिक रखने चाहिए, जिन्हें आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल किया जा सके।
मेजर जनरल दत्ता ने बताया कि विगत वर्षों में देश में भोपाल गैस त्रासदी, गेल पाइपलाइन रेप्चर आदि कैमिकल इंडस्ट्रियल आपदायें घटित हुई हैं, जिनको देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण द्वारा मॉक अभ्यास कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है, कि राज्य एवं जिला प्रशासन तथा उद्योग विभाग इन तीनों जिलों में अपनी तैयारी रखे। उनका कहना था कि आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों में ऐसी क्षमता विकास करना आवश्यक है, जिससे वे कैमिकल आपदा की स्थिति में इससे निपटने के लिए तैयार रहें।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा मॉक अभ्यास की तैयारी गुजरात प्रदेश से शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि आज हुई कार्यशाला में प्राप्त मार्ग दर्शन में आपदा से जुड़े समस्त विभागों के साथ आगामी 11 फरवरी को टेबुल टॉक की जायेगी, जिसके पश्चात 12 फरवरी को कैमिकल इंडस्ट्रियल आपदा विषयक मॉक अभ्यास किया जायेगा।
आपदा सचिव अमित नेगी ने समस्त जिलाअधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में पी.पी.ई क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले अपने 10 प्रतिशत एस.डी.आर.एफ मद से ऐसे इक्विपमेंट खरीद सकते हैं। सचिव अमित नेगी ने कहा कि इस कार्यशाला तथा मॉक अभ्यास से पता चलेगा कि हमारी रणनीति तथा क्रियान्वयन में क्या अंतर है। इस गैप से संबंधित विभागों को आवश्यक संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा प्रयास रहेगा कि उद्योग इकाईयों को आपदा से निपटने के लिए सुसज्जित करने के साथ ही उसके आस पास के निवासियों को जागरूक किया जाए ताकि कैमिकल इंडस्ट्रियल आपदा की स्थिति में कम से कम नुकसान हो।
कार्यशाला में अपर मुख्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल, बी.बी. गणनायक, सब ऐरिया के कर्नल प्रवीण कुमार, वायुसेना अधिकारी स्कावड्रन अधिकारी डी यादव, डिप्टी कमांडेंट सीआईएसएफ के.के सिंह के अलावा, पुलिस, एस.डी.आर.एफ, एन.डी.आर.एफ, स्वास्थ्य, सूचना, पैरामिलिट्री फोर्स, आदि के अधिकारी उपस्थित थे।

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