देहरादून
आखिर उत्तराखण्ड भी कैसे रह पाता पावर बैंक एप्प के नाम पर हो रहे बड़े घोटाले की आंच की पहुँच दूर,हो गयी सायबर ठगी।
उत्त्तराखण्ड STF ने इस मामले का एक बड़ा खुलासा करके एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया है।
पत्रकारों को दी गयी जानकारी के अनुसार उत्तराखंड पुलिस ने 250 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है। इस मामले में पुलिस ने पवन पांडे नामक एक आरोपी को भी उत्तर प्रदेश के नोएडा से गिरफ्तार किया है। उत्तराखंड पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक और मुख्य प्रवक्ता अभिनव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि हरिद्वार के दो युवकों ने पुलिस से शिकायत की थी कि उनको एक मोबाइल ऐप द्वारा पैसा डबल करने का झांसा दिया गया जिसमें उन्होंने अलग-अलग तारीखों में 15 दिनों में पैसे दुगुने होने का दावा किया गया था तब उन्होंने 91200 और 73000 रुपये जमा किए लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उनके साथ साइबर ठगी हो गयी थी ।
साइबर अपराधी आम जनता की गाढ़ी कमाई हड़पने हेतु नित नये-नये तरीके अपना रहे है । वर्तमान मे ऐसे कई प्रकरण प्रकाश मे आ रहे है जिसमे साइबर अपराधियों द्वारा पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने करने का लालच देकर आम जनता से धनराशि जमा कराकर करोड़ो रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे है।
इस क्रम में एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ, जिसमें पीडित रोहित कुमार निवासी श्यामपुर जनपद हरिद्वार द्वारा साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून तथा राहुल कुमार गोयल निवासी कनखल हरिद्वार द्वारा प्रार्थना पत्र प्रेषित किये गये, जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हे उनके दोस्त द्वारा बताया गया कि पावर बैंक नामक एप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन मे पैसे दोगुने हो जाते है । उसकी बातो मे आकर शिकायतकर्दा द्वारा प्ले-स्टोर से पावर बैंक नामक ऐप डाउनलोड कर भिन्न भिन्न तिथियो में क्रमशः 91,200/- (इकानब्बे हजार दो सौ) एवं 73,000/- (तिहत्तर हजार) रुपये जमा कराकर उनके साथ धोखाधडी की गयी । शिकायतकर्ता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 18/21 धारा 420 भादवि व 66(सी), 66(डी) आईटी एक्ट एवं मु0अ0सं0 19/21 धारा 420 भादवि व 66(सी), 66(डी) आईटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना निरीक्षक महेश्वर पुर्वाल के सुपूर्द कर STF एवं साइबर थाने की संयुक्त टीम का गठन किया गया । इस प्रकार के अपराध के सम्बन्ध में जनपद टिहरी में भी एक अभियोग पंजीकृत है ।
पुलिस टीम द्वारा अभियोग में अभियुक्तगणों द्वारा प्रयुक्त किये गये मोबाइल फोन नम्बर व वादी से धनराशि जिन बैक खातो एवं ऑनलाईन मर्चेंट/वॉलेट में प्राप्त की गयी उनकी सम्बन्धित दूरभाष कम्पनी, बैक व वॉलेट नोडल अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर विश्लेषण किया गया । तकनीकि विश्लेषण में पाया गया कि समस्त धनराशि विभिन्न वॉलेट के माध्यम से अलग-अलग बैंक खातो में भेजी जा रहा था । अभियोग में RAZORPAY एवं PAYU के माध्यम से पैसा ICICI बैंक के खाते तथा पेटीएम बैंक में स्थानान्तिरित कराये गये । यह भी पता चला कि प्रतिदिन करोड़ो का लेन देन उक्त बैंक खातो में किया जाता है । साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा इन खातो का तकनीकी विश्लेषण करने पर देखा गया कि पेटीएम बैंक का खाता प्रमुख संदिग्ध खाता है जिसका संचालन पवन कुमार पाण्डेय निवासी नोयडा उ0प्र0 के द्वारा किया जा रहा है । यह भी सामने आया है कि यह पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन मे रही जिसमें साइबर थाने द्वारा वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातो में करीब 250 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी प्रकाश मे आयी तथा अनुमानित और भी अधिक धनराशि की धोखाधड़ी सम्भावित है । गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगो द्वारा पूरे भारतर्ष में डाउनलोड किया गया है ।
साइबर थाने एवं एसटीएफ की संयुक्त पुलिस टीम का गठन किया गया। अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु उ0प्र0, दिल्ली एनसीआर हेतु रवाना किया गया। STF/साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन की टीम द्वारा अथक मेहनत व लगन से देश भर में धनराशि दोगुना करने से सम्बन्धित संचालित ऐप के नाम पर लोगो का विश्वास जीतकर उनकी मेहनत की कमाई की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सदस्य को नोयडा सैक्टर 99 से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की । अभियोग में अभियुक्त द्वारा पावर बैंक एप के माध्यम से धनराशि निवेश करने तथा एक सदस्य से अन्य सदस्यो को जोड़ने पर अधिकतम लाभ का लालच देकर बहुत बड़ी धनराशि एकत्र की गयी जिस पर अभियुक्त के विरुद्ध धारा 3/21, 4/22 Banning of unregulated deposit Scheme act 2019 का अपराध कारित करना भी पाया गया ।
अभियोग में प्रकाश मे आया है कि कुछ विदेशी बिजनेसमैन भारत में कुछ निवेशको से दोस्ती कर उनको भारत में विभिन्न व्यापार के नाम पर अपने साथ कमीशन देने के नाम पर जोड़ते है। इसी क्रम में इस अभियोग में प्रकाश मे आया कि इस प्रकार विभिन्न ऑनलाईन एप पूर्व में लोन प्रदान करती थी। अब अपराध के तरीके मे बदलाव कर ये लोगो का विश्वास जीतकर रिचार्ज एवं पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर धनराशि निवेश करवाते है । भारत के नागरिको के ही बैंक खाते और उनके मोबाईल नम्बर का प्रयोग किया जाता है। प्रारम्भ मे कुछ व्यक्तियों को पैसे वापस भी किये जाते है जिससे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार से इनका यह अन्तराष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश मे पैर पसार सके । प्रतिदिन करोड़ो धनराशि एक खाते से दूसरे खाते और उसके आगे विभिन्न खातो में स्थानान्तरित कराकर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास करते है । अपराध में प्रयोग बैंक खाते विभिन्न फर्जी कम्पनियों के नाम से Registrar of Companies (ROC) में पंजीकृत है। इसी प्रकार 25 एप जो संदिग्ध कार्य मे लगी है उनकी सूची प्राप्त हुयी है। यह भी पाया गया कि इस धनराशि को क्रिप्टो करेंसी मे बदलकर यह विदेश राष्ट्रो मे भेजी जा रही है, जहा इसको स्थानीय मुद्रा में परिवर्तित कर दिया जाता है । इस प्रकार भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा मे परिवर्तित करने का एक बहुत बड़ा संगठित अन्तराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है, और इस प्रकार इसके अपराध का तरीका प्रकाश मे आ चुका है । इस तरह के प्रकरण में 20 अन्य शिकायते भी प्राप्त हुयी है जिनका परीक्षण किया जा रहा है ।
गिरफ्तार अभियुक्त पवन कुमार पाण्डेय पुत्र बनवारी पाण्डये निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्डमेंट सैक्टर 99 नोयडा उ0प्र0। 19 लैपटॉप,592 सिम कार्ड ,5 मोबाइल फोन विभिन्न कम्पनियों के,4 ए0टी0एम0 कार्ड,1 पासपोर्ट बरामद किए है।