देहरादून
सूचना के अधिकार के तहत खुलासा करते हुए सोशल और आरटीआई एक्टिविस्ट विजय वर्धन डंडरियाल ने देहरादून आरटीओ पर लगाए हैं अनियमिताओं को लेकर कई आरोप।
आरटीआई एक्टिविस्ट नियमों को ताक पर रखकर आरटीओ देहरादून सुनील शर्मा का हुआ ट्रांसफर
(1) आरटीओ सुनील शर्मा का ट्रांसफर पौड़ी से 25 नवंबर 2021 को आरटीओ देहरादून (प्रवर्तन) के पद पर किया गया लेकिन 25 अक्टूबर 2022 को श्रीमान सुनील शर्मा का ट्रांसफर 1 वर्ष के अंदर ही आरटीओ (प्रवर्तन) से देहरादून आरटीओ (प्रशासन) के पद पर कर दिया गया जबकि आरटीओ अल्मोड़ा शैलेश तिवारी को देहरादून (प्रशासन) के पद पर उपयुक्त पाया गया था और गठित कमेटी द्वारा भी शैलेश तिवारी के (प्रशासन) के पद के लिए ही संस्तुति की गई थी लेकिन परिवहन मंत्री तथा सचिव परिवहन द्वारा शैलेश तिवारी को आरटीओ (प्रशासन) से इतर आरटीओ (प्रवर्तन) के पद पर नियुक्ति की गई जबकि
विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग की नियमावली अनुसार अधिनियम 27 में स्पष्ट प्रावधान है की विशिष्ट परिस्थितियों में कोई परिवर्तन अपेक्षित हो तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा यह सदस्य होंगे
(क) अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव वन एवं अवस्थापना विकास आयुक्त
(ख) अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त
(ग) प्रमुख सचिव, कार्मिक सदस्य होंगे
इस समिति की संसूति पर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के उपरांत ही परिवर्तन/ विचलन छूट अनुमन्य होगी।
उन्होंने बताया कि सुनील शर्मा के स्थानांतरण में इन नियमों को ताक पर रखा गया है सुनील शर्मा के (प्रशासन) के पद पर नियुक्त होने के पश्चात से ही उनके किए गए नियम विरुद्ध कार्यों में होने वाले भ्रष्टाचार की शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई न होना तथा स्थानांतरण के नियमों /नीति विरुद्ध कार्य किए जाने पर प्रार्थी द्वारा आदरणीय मुख्यमंत्री जी से सीबीआई जांच की मांग के लिए निवेदन किया गया है।