देहरादून/केदारनाथ
सोमवार से केदारनाथ धाम में 4 सूत्रीय मांगों को लेकर तीर्थ पुरोहितों का आमरण अनशन शुरू कर दिया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस आंदोलन का समर्थन उत्तराखंड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने दिया है।
महापंचायत के अनुसार यदि सरकार उनकी मांगों पर नहीं चेती और आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई तो वे चारों धामों में प्रदर्शन करेंगे।
महापंचायत के आह्वान पर केदारपुरी में 24 घंटे से बंद प्रतिष्ठानों को रविवार को खोल दिया गया। इस दौरान धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहित एवं स्थानीय निवासियों ने आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान किया गया।
तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि केदारनाथ आपदा को 10 वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक उन्हें भू स्वामित्व नहीं मिल सका है। जबकि, ध्वस्त भवनों को लेकर भी सरकार ने कोई समाधान नहीं किया है। धाम में बिना तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए केदारपुरी के भवनों से छेड़छाड़ की जा रही है।
धरना प्रदर्शन करने वालों में केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, मंत्री अंकित सेमवाल, संतोष त्रिवेदी, पंकज शुक्ला, संदीप सेमवाल, विजेन्द्र शर्मा, उमेश चन्द्र पोस्ती, देवेश बाजपेई, अनिल बगवाडी, चिमनलाल शुक्ला, प्रदीप शुक्ला, अरविंद शुक्ला, अनुराग शुक्ला, आशीष शुक्ला समेत बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहित एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।
तीर्थ पुरोहितों की चार मांगें इस प्रकार हैं..
👉वर्ष 2013 की आपदा में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त भवनों के भवन स्वामियों को भू स्वामित्व के साथ भवन दिए जाएं
👉मंदिर चबूतरे के विस्तार के लिए जिन भवन स्वामियों की जमीन अधिग्रहण की गई उन्हें प्राथमिकता के आधार पर भूमि स्वामित्व के साथ भवन मिले
👉जिन तीर्थ पुरोहितों के साथ अनुबंध कर भवन अधिग्रहण किए गए हो, उनके भवनों को जल्द तैयार कर भूस्वामित्व के तहत दिए जाएं
👉केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में लगाए गए सोने की परत की उच्च स्तरीय जांच शीघ्र कराई जाए।