देहरादून/उत्तरकाशी
प्रदेश के सीमान्तवर्ती जिले उत्तरकाशी के लौंथरू गांव की 24 वर्षीय सविता कंसवाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा कर जिले और राज्य का नाम रोशन किया ह।
जनपद उत्तरकाशी के छोटे से गांव लौंथरू की 24 वर्षीय सविता कंसवाल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट (8848.86 मीटर) का सफल आरोहण किया है। यह आरोहण सविता कंसवाल ने 12 मई की सुबह नौ बजे के करीब किया।
विषम परिस्थितियों में चार बहनों में सबसे छोटी है सविता ने अपना संघर्षपूर्ण जीवन जिया लेकिन आज उसका हौंसला बुलंदियों पर है। सविता अपने माता पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी की चार बेटियों में सबसे छोटी हैं। सविता के माता पिता ने खेती बाड़ी से ही अपने परिवार का पालन पोषण किया है। सविता की पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई है जिसको बचपन से ही एडवेंचर का शौक था। 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से माउंटेनियरिंग का बेसिक कोर्स करने के कुछ समय बाद सविता ने एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी उत्तरालाशी के NIM से किया।
नेपाल की एक्सपीडिशन कंपनी के ओनर बाबू सेरपा ने सोशल मीडिया पर सविता के सफल आरोहण की जानकारी देते हुए बताया कि बीते बृहस्पतिवार की सुबह 6 बजे सविता ने टीम लीडर जय कोल्हटकर, फूरबा शेरपा और ओच्यू शेरपा के साथ माउंट एवरेस्ट फतह किया।
यहां उल्लेखनीय है कि सविता माउंट एवरेस्ट से पहले और भी कई पर्वत कर चुकी हैं। जिनमे
माउंट एवरेस्ट से पहले त्रिशूल पर्वत (7120 मीटर), हनुमान टिब्बा (5930 मीटर), कोलाहाई (5400 मीटर), द्रौपदी का डांडा (5680 मीटर), तुलियान चोटी (5500 मीटर) के साथ सविता ने दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) को भी फतह किया है। अब सविता के खाते में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट ( 8,848.86 ) मीटर भी जुड़ गई।