देहरादून
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा आज ऋषिकेश मे शहीद स्मारक तोड़े जाने की कई भर्त्सना क़ी।
ओमी उनियाल व जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि पिछले वर्ष सड़क चौड़ीकरण मे अटकलों क़ो ध्यान मे रखते हुए जिलाधिकारी से वार्ता क़ी गई थी , तत्कालीन जिलाधिकारी ने स्वयं कहा था क़ि शहीदो एवं स्मृतियों क़ो संजोया जाऐगा यह हमारे राज्य क़ी धरोहर है। यदि कुछ ऐसा होगा तो आप सभी क़ो विश्वास मे लेकर आगे कार्य होगा।
जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती व सुदेश सिंह ने कहा क़ि सरकार ने अपनी मंशा बनते हीं साफ कर दी थी। पहले सरकार ने उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद का कार्यालय बन्द किया और आज तक राज्य आंदोलनकारी संगठनो से संवाद नही किया। आज ऋषिकेश मे शहीद स्मारक तोड़कर साबित कर दिया क़ि वह कभी भी राज्य के शहीदो क़ी शहादत क़ो नही समझा और ना हीं कभी राज्य आन्दोलन के शहीद परिवारो की सुध ली और ना हीं राज्य आन्दोलनकारियो क़ी भावना क़ो समझा।
राज्य आंदोलनकारी मंच इसकी कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा क़ी कितने धरने प्रदर्शन व जेल जाकर हर तरह से घर बार छोड़कर पृथक राज्य के लिए संघर्ष किया।
उत्तराखण्ड की जनता सब देख रही है , इतिहास मे यह दर्ज होगा क़ि त्रिवेन्द्र सरकार हमेशा आन्दोलनकारियो की विरोधी रही।
विरोध दर्ज करने वालो मे ओमी उनियाल , जगमोहन सिंह नेगी , प्रदीप कुकरेती , सुदेश सिंह , राकेश नौटियाल , सुरेश नेगी , अमर सिंह , मनोज ज्य़ाडा , विरेन्द्र सकलानी , महेन्द्र रावत , प्रभात डड्रियाल , सुलोचना भट्ट , राधा तिवारी , अरुणा थपलियाल , शकुन्तला नेगी आदि ।