मुजफ्फरनगर गोली काण्ड को याद कर एवं शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावुक हुए राज्य आंदोलनकारी

देहरादून

2-अक्टूबर का दिन देश दुनिया के लिए अलग अलग रूप में यादगार है लेकिन उत्तराखण्ड के लिए कुछ अलग ।

राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा कचहरी परिसर स्थित शहीद स्थल पर मुजफ्फरनगर गोली काण्ड के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजली सभा आयोजित क़ी गई। श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए जयदीप सकलानी व सतीस धोलाखण्डी व साथियो ने मिलकर लड़के लेगे भीड़ के लेगे उत्तराखण्ड,
ले मशालें चल पड़े है है़ लोग हमारे गांव के जनगीत गाकर पूरे शहीद स्मारक के माहौल में जोश पैदा कर दिया उसके बाद सभी राज्य आंदोलनकारियों ने एकत्र होकर न्याय यात्रा निकाली।

रैली में जगमोहन सिंह नेगी व सुशीला बलूनी व उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता रमन शाह व धीरेन्द्र प्रताप के नेतृत्व में न्याय यात्रा में शहीद स्मारक से चलकर C B I/ सुप्रीम कोर्ट/उच्च न्यायालय न्याय दो साथ ही उत्तराखण्ड के जनप्रतिनिधि जवाब दो उत्तराखण्ड के शहीदों के दोषियों को फांसी दो के नारे लगाते हुए दूनअस्पताल व तहसील चौक से होकर घण्टाघर स्थित पर्वतीय गांधी स्व. इन्द्रमणी बडोनी क़ी प्रतिमा तक पहुंचे और फूल मालाओं से श्रद्धांजली अर्पित की।

इस अवसर पर मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि 27 वर्षो बाद भी हमारे शहीदों को न्याय नही मिल पाया वहीं राज्य बनने के 21 वर्ष बाद भी हमारी सरकारों ने शहीदों के न्याय हेतुग सदन में न ही कोई प्रस्ताव रखा और ना ही कोई वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पैनल बनाने को पहल क़ी।
पूर्व राज्य मन्त्री धीरेन्द्र प्रताप व महिला आयोग क़ी पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी राज्य आन्दोलन के पूराने दिनो को याद कर भावुक होकर कहतें है कि जो सोचा था वह नही हुआ ना हम रोजगार दे पाऐ ना राजधानी तय कर पाऐ ना भू कानून बना पाऐ ना मूल अधिकार के लिए मूल निवास लागू करा पाऐ और शहीदों के लिए आज भी सड़को पर आंदोलन कर रहे है।
कोटद्वार से आऐ महेन्द्र रावत व उत्तरकाशी के जगमोहन पंवार व युद्धवीर सिंह पंवार ने कहा कि सरकार व शासन हमें गुमराह करना बन्द करें अन्यथा हम राज्य आन्दोलन क़ी तर्ज पर सड़को पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।

न्याय यात्रा में वरिष्ठ आन्दोलनकारी ओमी उनियाल, वरिष्ठ अधिवक्ता रमन शाह, महेन्द्र रावत, जयदीप सकलानी रामलाल खंडूड़ी, प्रदीप कुकरेती, वीरेन्द्र पोखरियाल, जनगीतकार सतीश धोलाखण्डी, सुरेश नेगी, उषा नेगी, निर्मला बिष्ट, उषा भट्ट, द्वारिका बिष्ट, पुष्पलता सील्माना, सुलोचना गुंसाई, विजय लक्ष्मी गुंसाई, देवेस्वरी रावत, लोक बहादुर थापा, चन्द्रकान्ता बेल्वाल, राधा तिवारी, गुरदीप कौर, शकुन्तला रावत, जयदेव भट्टाचार्य, विक्रम राणा, विनोद असवाल, सतेन्द्र नोगाई, सुमित थापा, महिपाल शाह, विकास शर्मा, जगदीश चौहान, सरोज कन्ड्वाल,विकास रावत, प्रेम सिंह नेगी, विनोद असवाल, अनुज नौटियाल,अम्बुज शर्मा, घिल्डियाल, अनुराग भट्ट , सुशील विरमानी, राजेश पान्थरी, मोहन सिंह खत्री, बीर सिंह रावत, दिवाकर उनियाल, अतुल भट्ट, नरेन्द्र नौटियाल, पुरुषोत्तम सेमवाल, प्रमोद मन्दरवाल, विशम्भर दत्त बोन्ठियाल, कलम सिंह गुंसाई , चंद्रकिरण राणा, लक्ष्मी बिष्ट, सरोज रावत, देवेश्वरी रावत, शकुन्तला रावत, बीना बहुगुणा, सुलोचना गुंसाई, सुशीला अमोली, हेमलता, विशेस्वरी रावत, पुष्पा खत्री, निर्मला बर्थवाल, मनोरमा कोट्नाला, महेश्वरी कंडारी, मंजू भट्ट ,पूरण सिंह बिष्ट, उत्तम सिंह रावत, किशन सिंह नेगी, भगवान सिंह, कमल चन्द, वचन सिंह राणा, पुरुषोत्तम नौटियाल, सुरेश चौहान, शैलेंद्र रावत, आदि मौजूद रहे।

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