देहरादून/ऋषिकेश
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ओर से विश्व सीओपीडी दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान सभी ने सीओपीडी जैसी बीमारी से दूर रहने के लिए धूम्रपान व धुएं से दूर रहने का संकल्प लिया। पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के तत्वावधान में क्राॅनिक आब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजिज सीओपीडी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम की एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने सराहना की। उन्होंने बताया कि सीओपीडी एक ऐसी बीमारी है,जिसका बचाव संभव है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि धूम्रपान व धुएं से दूर रहकर प्रत्येक व्यक्ति आसानी से क्रॉनिक आब्सट्रक्टिव पल्मनरी डिजिज से स्वयं का बचाव कर सकता है। इस दौरान निदेशक एम्स ने विश्व सीओपीडी आर्गेनाइजेशन के हम सब एक साथ मिलकर सीओपीडी जैसी बीमारी का अंत करेंगे संकल्प को पूरा करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति से आगे आने का आह्वान किया। पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि लोग इस तरह के आयोजनों से स्वास्थ्य के प्रति जागरुक होते हैं। इस अवसर पर विभाग की फैकल्टी मेंबर डा. रूचि दुआ व डा. प्रखर शर्मा ने मरीजों व उनके परिजनों से सीओपीडी बीमारी के लक्षणों व बचाव संबंधी विस्तृत जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि यह बीमारी बीड़ी, सिगरेट के सेवन व लकड़ी के चूल्हे के धुएं से अत्यधिक होती है, जिसका कारगर इलाज इन्हेलर दवा, सांस की एक्सरसाइज, योगाभ्यास व धुएं से बचाव ही है। कार्यक्रम में मनो चिकित्सा विभाग क डा. विशाल धीमान ने धूम्रपान से होने वाले शारीरिक व मानसिक नुकसान से अवगत कराया व इस आदत को छुड़वाने, बीमारी से मुक्ति के लिए असरकारक दवाइयें व काउंसलिंग संबंधित जानकारियां दी। आयोजित कार्यक्रम में संस्थान के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की ओर से मरीजों को निशुल्क सांस का जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई। स्वांस रोग विभागाध्यक्ष डा. गिरीश सिंधवानी ने लोगों को एम्स संस्थान के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संस्थान में सोमवार को सीओपीडी स्पेशल क्लिनिक संचालित की जाती है,जिसमें मरीजों को सांस की जांच, सांस की एक्सरसाइज, धूम्रपान निरोधक क्लिनिक आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं।