टिहरी की प्राचीन रामलीला अब होगी देहरादून के टिहरी नगर में हनुमान ध्वजा स्थापना से हुआ आगाज,रिहर्सल शुरू

देहरादून/टिहरी

श्रीरामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून” द्वारा पुरानी टिहरी की ऐतिहासिक रामलीला को देहरादून में पुर्नजीवित करने के लिए निर्णय लिया गया और इस हेतु “आजाद मैदान, टिहरी नगर, अजबपुर कलां ,दून यूनिवर्सिटी रोड, देहरादून में “हनुमान ध्वजा स्थापना” कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया।

कार्यक्रम स्थल से सभी क्षेत्रवासियों ने मिलकर हनुमान ध्वजा को टिहरी-नगर में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर गढ़वाल के वाद-यंत्र ढ़ोल दमाऊ के साथ परिक्रमा की गई।

हनुमान ध्वजा स्थापना से पहले पूजा, अर्चना व हवन किया व तत्पश्चात विधि–विधान से गई।

श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा की 1952 से टिहरी में हर वर्ष रामलीला के सफल आयोजन की कामना हेतु जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हनुमान ध्वजा का विधि विधान से स्थापना होती थी और इसी दिन से रिहर्सल का कार्य भी आरंभ होता था, अतः हमने भी वही परंपरा का पालन किया है।

टिहरी की रामलीला का अपने आप में बहुत बड़ा इतिहास है और यह रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी डूबने तक होती रही थी। देहरादून में रामलीला मंचन से न सिर्फ टिहरी के इतिहास को जीवित करने का मौका मिलता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी होगा।

उल्लेखनीय है की अजबपुर, देहरादून स्थित टिहरी नगर में रामलीला आने वाले शारदीय नवरात्रों में 15 अक्टूबर 2023 से भव्य रूप से आयोजित की जाएगी।

इस रामलीला में चौपाई, कथा, संवाद,मंचन आदि सब टिहरी की 1952 से चली आ रही प्रसिद्ध व प्राचीन रामलीला के जैसा ही होगा, जिससे टिहरी के लोगों का अपनत्व देहरादून में भी जुड़ा रहे। कार्यक्रम में सचिव अमित पंत , गिरीश पैन्यूली, मुनेंद्र दत्त सेमवाल, गिरीश पांडे , बछेंद्री पांडे, नरेश मुल्तानी , मनोज जोशी , राकेश पांडे, नितिन पांडे आदि ने भाग लिया।

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