देहरादून/पिथोरागढ़
नेपाल बोर्डर पर काली नदी अपने रौद्र रूप में आ गई है उत्तराखंड के धारचूला से लगे कई क्षेत्रों में तबाही मच गई है।
बादल फटने से नेपाल में मकानों के ध्वस्त होने और कई लोगों के लापता होने की अपुष्ट सूचना है।
ऊफान पर आई काली नदी ने नेपाल की कई बस्ती को जहां जलमग्न कर दिया, वहीं कई बहुमंजिले घर जमींदोज हो गए।
नदी पर धारचूला से तीन किमी तवाघाट की तरफ झील बनने से उत्तराखंड (भारत) के धारचूला तथा नेपाल के दार्चुला जिले के कईआबादी क्षेत्र खतरे की जद में आ गया है।
पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला क्षेत्र में काली नदी ने शुक्रवार रात जमकर कहर बरपा डाला। नदी का जलप्रवाह उफान पर आने से भारत और नेपाल के कई परिवार आपदा की चपेट में आ गए। इस दौरान खोटिल तोक तवाघाट की तरफ काली नदी पर झील बनने से भारी तबाही मच गई। कई पुल, सड़क, पैदल मार्ग, निजी और सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है।
सूचना पर प्रशासन की तरफ पिथौरागढ़ डीएम डॉ आशीष चौहान ने नदी से लगे परिवारों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए राजस्व और पुलिस टीम को मौके पर तैनात कर दिया गया है। फौरी राहत के साथ ही नुकसान का आंकलन कर मुआवजा देने के लिए राजस्व की टीमो को सक्रिय कर दिया गया है। अभी तक एक महिला की मौत तथा तीन दर्जन से ज्यादा घरों के जमींदोज होने की पुष्टि हो पाई है।
मूसलाधार बारिश ने धारचूला बाजार में पहाड़ी से बरसाती पानी के साथ आया मलबा कई घरों में घुस गया। बाजार की सड़क भी मलबे से पट गई। सड़क में पार्क किए गए दर्जनों वाहन भी मलबे में दब गए। मल्ली बाजार, ग्वाल गांव, खोतीला में सड़कों पर मलबा जमा हो गया।
एसडीआरएफ टीम रेस्क्यू में जुटी पिछले दिनों एलधार नामक स्थान पर हुए भूस्खलन के बाद से खतरा बना हुआ है। तब भूस्खलन के साथ बोल्डर गिरने से चार मकान ध्वस्त हो गए थे। इस स्थान पर जिनके मकान हैं वह लोग अभी भी अन्य सुरक्षित स्थानों पर रह रहे हैं। शुक्रवार की रात एक बार फिर मलबा आने से लोग असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। भारी बारिश के कारण काली नदी का जल स्तर भी काफी बढ़ गया। तटबंध के ऊपर नदी बहने लगी। इससे लोग सहमे नजर आए। मौसम को देखते हुए स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया है।एसडीआरएफ और पुलिस सतर्क है। नेपाल की ओर भी काफी तबाही मची है। कुछ मकानों के ध्वस्त होने और लोगों के लापता होने की भी सूचना बताई जा रही है।