देहरादून
बाल दिवस” के अवसर पर नन्हीं दुनिया में रचनात्मक कार्यशाला –
“बाल दिवस” के अवसर पर नन्हीं दुनिया की स्वयंसेवी चेरी शर्मा द्वारा एक रचनात्मक कार्यशाला ‘करके सीखना’ का आयोजन किया गया।
रचनात्मकता हमेशा नन्हीं दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रही है।नन्ही दुनिया गत 77 वर्षों बाल सेवा में समर्पित है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में बाल दिवस मनाता है। यह वर्ष 1957 की बात है जब भारत के पहले प्रधान मंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने नन्हीं दुनिया आंदोलन में अपना समर्थन और विश्वास बढ़ाने के लिए नन्हीं दुनिया को एक हजार रुपये का चेक प्रदान किया था।
रंगशाला के सभी बच्चों और शिक्षकों ने बहुत खुशी के साथ कार्यशाला में भाग लिया,बच्चों को रंग-बिरंगे गुब्बारे दिए गए, जिनसे उन्होंने विभिन्न प्रकार के जानवरों, फूलदान और मुखौटों को बनाकर अपनी व्यक्तिगत प्रतिभा दिखाई।
नन्ही दुनिया के बच्चों द्वारा बनाए गए मुखौटे विस्मयकारी थे क्योंकि उन्होंने शिल्प बनाने के लिए अपनी कल्पना का उपयोग किया था। बच्चो ने कार्यशाला में बड़ी दिलजस्पी दिखाई और रचनात्मकता का परिचित कराया। बच्चों के बीच मिठाइयाँ भी बाँटी गईं ।