देहरादून/उत्तरकाशी
आखिर जीत गई जिंदगी,छू के निकल गई मौत की वो घड़ी।
जब फंसे मजदूर भाई,उम्मीद नहीं छोड़ी हम में से किसी ने लेकिन सरकार ने भी हिम्मत नही हारी,मशीनों ने जवाब दे दिया था तब रेट माइनर्स ने हिम्मत दिखाई और बची हुई ड्रिलिंग को हाथ और फावड़े की मदद से मलबा निकाल फेंका।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पीएम के पूछे सवालों के जवाब में श्रमिकों ने खुलकर सरकार की तारीफें की हैं। श्रमिकों ने बताया कि ढाई किलोमीटर की लम्बाई वाली सुरंग में फंसे के बाद पहले पहले लगता था की अब शायद जिंदा वापसी नहीं होगी।
जब पहला पाइप भीतर आया तो थोड़ी हिम्मत जागी।
फिर हमको खाने पीने और ऑक्सीजन मिलने लग गई। तब सारी समस्या ही खत्म हो गई। श्रमिको के मन का डर टीबी बिल्कुल खत्म हो गया जब सीएम धामी खुद बात करने लगे। खिचड़ी के साथ खाने का सिस्टम भी शुरू हुआ।