देहरादून
प्रदेश की राजधानी के एक मुख्य इलाके करनपुर में डालनवाला थाने से सटी नगर निगम की जमीन पर सहारनपुर के एक व्यक्ति की ओर से टैक्स जमा कराने के मामले पर राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध करार देते हुए उक्त प्रकरण को अभिलेखीय जालसाजी, दस्तावेजों के साथ छेड़छाड और अपराधिक षडयंत्र बताया है।
सूचना आयुक्त भट्ट ने शासन को एसआईटी से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में उक्त आदेश की प्रति प्रमुख सचिव गृह विभाग और शहरी विकास सचिव को भेजी गई है।
बताते चलें कि थाना डालनवाला से लगती करनपुर वार्ड की यह जमीन का नौ नवंबर 2021 को मोहम्मद तारिक अथहर के नाम से नगर निगम में हाउस टैक्स जमा किया गया। मामला खुलने के बाद नगर निगम ने उक्त करोड़ों रुपए की जमीन का कर निर्धारण निरस्त कर दिया। निगम ने जांच कर तीन आउटसोर्स ऑपरेटरों की संलिप्तता पाते हुए एक ऑपरेटर की सेवा समाप्त कर दी थी। इसी मामले में एफआर्रआई भी दर्ज हुई। करनपुर वार्ड के पूर्व पार्षद विनय कोहली ने जांच को संतोषजनक ना पाते हुए आरटीआई से नगर निगम से जानकारी मांगी। नगर निगम स्तर पर मिली जानकारी से वे संतुष्ट नहीं हुए। अब मामला राज्य सूचना आयोग में गया। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने बीते 30 अगस्त को इस केस पर सुनवाई की। सुनवाई में आयोग को निगम अधिकारियों ने कहा कि 30 नवंबर 2021 को उक्त जमीन का कर निर्धारण निरस्त कर दिया गया था।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि मोहम्मद तारिक अथहर पर फर्जी कागज तैयार एवं धोखाधड़ी के कई मामले सहारनपुर में दर्ज है। उन्होंने मामले की गंभीरता का संज्ञान लेते हुए उक्त प्रकरण में अभिलेखीय जालसाजी, दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ और अपराधिक षडयंत्र बताते हुए निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को संदिग्ध करार दिया और इस प्रकरण की जांच एसआईटी या समकक्ष एजेंसी से करायी जाने के निदेश दिए। उनके द्वारा इस आदेश की प्रति गृह विभाग, शहरी विकास विभाग के अलावा मुख्य सचिव को भेजने के लिए कहा गया है।