राज्य में फिर से बढ़ गया निकाय चुनाव का समय,शासन से जारी हुए निर्देश,नए बोर्ड के गठन तक बने रहेंगे प्रशासक

देहरादून
उत्तराखंड शासन ने एक बार पुनः स्थानीय निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बोर्ड गठन होने तक बढ़ा दिया गया है। ऐसा तीसरी बार हुआ है जब इस आशय के आदेश जारी किए गए हैं।आदेश के अनुसार संभवतः इस साल निकाय चुनाव हो eki संभावनाएं क्षीण ही दिखती नजर आ रही है। सवाल‌ है कि आखिर चुनाव होंगे कब।
बताते चलें कि उत्तराखंड के अधिकांश निकायों का पांच साल का कार्यकाल एक दिसंबर 2023 को समाप्त हो चुका है। व्यवस्था के मुताबिक इससे पूर्व निकायों के चुनाव होने ही चाहिए थे। परन्तु, ओबीसी आरक्षण/ सर्वे को लेकर समय से चुनाव नहीं हो पाए और निकायों को प्रशासक के हवाले करना पड़ गया और तभी से शासन किसी न किसी वजह से प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा ही रहा है।
पिछले दिनों सरकार ने हाईकोर्ट में अक्तूबर में निकाय चुनाव कराने की बात कही। मगर, अब फिर से शासन ने निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ा दिया। अब प्रशासक बोर्ड गठन होने तक निकायों में बनें रहेंगे।
👉1..प्रदेश के नगर निकायों के बोर्ड का कार्यकाल 1 दिसंबर 2023 को रामाप्त होने के दृष्टिगत इस तिथि से पूर्व नगर निकायों में निर्वाचन की कार्यवाही सम्पन्न करते हुये नये बोर्ड का गठन किया जाना था, किन्तु उच्चतम न्यायालय में योजित याचिका संख्या-278/2022 सुरेश महाजन बनाम स्टेट ऑफ मध्य प्रदेश व अन्य में उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 10.05.2023 के अनुपालन में गठित एकल समर्पित आयोग से ओबीसी को स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व प्रदान किये जाने संबंधी रिपोर्ट प्राप्त न होने कारण शासन की अधिसूचना दिनांक 30.11.2023 द्वारा नगर निकायों में अग्रिम आदेशों तक सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
👉2- लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 की आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के कारण नगर निकायों की निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होने में विलम्ब के दृष्टिगत शासन की अधिसूचना दिनांक 02.06.2024 द्वारा नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल 03 माह अथवा नवीन बोर्ड के गठन, जो भी पहले हो तक के लिए विस्तारित किया गया है।
👉3- उत्तराखण्ड राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है तथा मानसून सीजन में अतिवृष्टि/भूस्खलन/बादल फटना इत्यादि घटनाएं निरंतर घटित हो रही है।
उक्त स्थिति तथा निकायों के ओ०बी०सी० सर्वे में समय लगने की संभावना के दृष्टिगत नगर निकाय सामान्य निर्वाचन-2024 ससमय संपन्न न होने से निकायों में प्रशासनिक शून्यता की स्थिति उत्पन्न न हो, अतः उक्त विशेष परिस्थितियों के दृष्टिगत नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल नये बोर्ड के गठन तक के लिए एततद्वारा विस्तारित किया जाता है।

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