कांग्रेस या विपक्ष के जो विधायक मोदी के विजन की मजबूती को भाजपा में आयेंगे, उनकी विधायकी जाने पर भी हम उन्हे कमल के निशान पर दोबारा विधानसभा भेजेंगे…महेंद्र भट्ट

देहरादून

भाजपा ने विपक्षी पार्टियों में चल रही कश्मकश पर स्पष्ट किया कि जो भी विपक्षी विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के विजन से प्रभावित होकर विकास

नीति को बढ़ाना चाहते हैं भाजपा उनका स्वागत करती है और पार्टी उन्हे कमल के निशान पर सदन में पुनः भेजेगी ।

प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की जीत निश्चित है, इसलिए समझदार कांग्रेस नेता मैदान में उतरने से बच रहे हैं। साथ ही हरक प्रकरण में ईडी के नोटिस को सामान्य प्रक्रिया बताते हुए जांच में सहयोग की सलाह दी ।

यमुना कालोनी स्थित आवास पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में देश और प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है । जिसके चलते जनता का आशीर्वाद पूरी तरह भाजपा के साथ है। यही वजह है कि मोदी जी की विकास नीति के खिलाफ जो खड़ा होता है उसे जनता नकार देती है । भारी जन दबाव विपक्ष के जनप्रतिनिधियों पर भी है कि वे उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लक्ष्य में सहभागी बने। उन्होंने विपक्षी विधायकों के भाजपा में आने की चर्चाओं को भी जनता के इसी दबाव का नतीजा बताया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस या विपक्ष के जो भी विधायक मोदी की विकास नीति को मजबूती देने के लिए भाजपा में आना चाहते हैं उनका स्वागत किया जायेगा और विश्वास दिलाते हुए कहा कि विधायकी जाने पर भी हम उन्हे कमल के निशान पर दोबारा विधानसभा भेजेंगे।

कांग्रेस की गुटबाजी और आंदोलनों को लेकर पूछे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्ट ने कहा कि विचारहीन, मुद्दाविहीन और सिद्धांत शून्य कांग्रेस पार्टी में नेताओं और कार्यकर्ताओं मे किसी में भी जनता का सामना करने का साहस नही है । कांग्रेस सत्ता आधारित राजनीति करती रही है, इसलिए उसे हार किसी भी हाल मे स्वीकार नही है। एक दशक में लगातार संसद, विधानसभा से लेकर नगर निकाय, पंचायतों में नकारे जाने के बाद अब उनके बड़े नेताओं का सिर्फ हार के लिए चुनाव में उतरना समझदारी नहीं है। चुनाव में ही नही कांग्रेस के आंदोलनों में भी उनके कार्यकर्ता शामिल नही होते हैं । क्योंकि जनता की तरह वे भी देश प्रदेश की विकास यात्रा के सहभागी बन रहे हैं । यही वजह है कि उनके आंदोलन से जनता के साथ कार्यकर्ता भी नदारद रहते हैं, जिसकी भड़ास उनके नेता उत्तराखंड के जनमानस के लिए अपशब्द बोलकर उतारते हैं ।

उन्होंने हरक सिंह रावत और उनकी बहू को ईडी ने नोटिस पर पूछे सवाल पर स्पष्ट किया कि यह ईडी की कार्यप्रणाली का एक तरीका है, जिसमे इस तरह से नोटिस दिया जाता है । ऐसा नहीं है कि यह भाजपा के शासनकाल में हो रहा है सभी सरकारों में इसी तरह से ईडी काम करती है । बेहतर हो कि कांग्रेस पार्टी नेताओं को ईडी की कार्रवाई में सहयोग देना चाहिए, ताकि जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो ।

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