
देहरादून/उत्तरकाशी
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार न करने वाले बयान पर तीर्थ पुरोहित खफा हो गए है आक्रोश में उन्होंने गंगोत्री धाम में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुतला फूंका।
दूसरी ओर चमोली में भी तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। जबकि यमुनोत्री धाम में भी तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन मंत्री के बयान की निंदा करते हुए प्रशासन के माध्यम से सीएम को पत्र भेजा है।
तीर्थ पुरोहित दीपक सेमवाल, राकेश सेमवाल और राजेश सेमवाल का कहना है कि सीएम ने देवस्थानम बोर्ड पर दोबारा विचार करने की बात स्पष्ट रूप से कही थी। लेकिन अब मंत्री पानी बात से उलट कह रहे हैं कि इस पर पुनर्विचार नहीं होगा। पर्यटन मंत्री की मंशा बोर्ड को लेकर ठीक नहीं लग रही है।
तीर्थपुरोहितों ने चेतावनी दी की अगर तत्काल बोर्ड भंग नहीं किया जाता है तो चारों धामों के तीर्थ पुरोहित उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि पहली बार किसी भी धाम में पुतला दहन किया गया है। यह सरकार के लिए अच्छे संकेत बिल्कुल नहीं है। हालांकि सतपाल महाराज धर्म के प्रचार प्रसार में हमेशा ही लगे रहते हैं। लेकिन आज वे देवस्थानम बोर्ड का समर्थन कर रहे हैं।
उन्होंने सीएम से पर्यटन मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने।भी कुर्सी संभालने के बाद ही एलान किया था कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार किया जाएगा। इससे देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने राहत की सांस ली थी। तब से लगातार इस दिशा में कोई सकारात्मक फैसला होने की उम्मीदें बनी हुई थीं। लेकिन पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मीडिया से वार्ता में कहा था कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं होगा। उनके इस बयान के बाद से पुनः विरोध के सुर उठने लाजमी हैं।