देहरादून
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में एक प्रतिमंडल ने शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शाम भेंट कर एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन मे माँग की गई कि आपदा पीड़ित किसानों को 1100 रुपये प्रति बीघा मुवाअजा किसानों व किसानी का अपमान है इस मुआवजे की राशि को किसानों की क्षतिपूर्ति की तुलना में बढ़ाया जाय। हम 10 हजार रुपये प्रति बीघा की मांग करते है।
गन्ना किसानों की अर्थव्यवस्था का अधार स्तंम्भ है दुनिया में चीनी की दाम निरंतर बढ़ रही है एक्जोल की मांग बढ़ रही है गन्ना किसानों को प्रोत्साहित करने के लिये इस वर्ष गन्ने का खरीद मूल्य 425 रुपये प्रति कुन्टल से ऊपर होना चाहिए तथा खरीद मूल्य शीघ्र घोषित किया जाय।
फसल चक्र अर्थात 6 माह का आपदा किसानों व आपदा पीड़ित परिवारों का बिजली और पानी का बिल माफ किया जाय।
आपदा पीड़ित किसानों का 6 माह के कर्ज वसूली पर रोक लगाई जाय व 6 माह के ब्याज को माफ किया जाय या उसकी प्रतिपूर्ति की सरकार करें।
इकाबपुर चीनी मिल का वर्ष 2020-21 का भारी राशि लगभग एक सौ करोड़ चीनी मील पर गन्ना किसानों का बकाया है आपने उसके भुगतान का वादा किसानों से किया था, उसका वादा पूरा किया जाय। मुख्यमंत्री को हरीश रावत ने यह भी सुझाव दिया कि मुख्य सचिव ,वित्त सचिव ,गन्ना सचिव व हरिद्वार के डी एम की एक उच्च स्तरीय बैठक कर इस पर कोई हल निकाला जाना चाहिए ।
मुख्यमंत्री धामी ने शीघ्र बैठक बुलाने को आश्ववत् किया
ज्ञापन में अपनी मांगो पर कार्यवाही के लिये आपको 20 अक्टूबर, 2023 तक का समय दे रहे है और यदि 20 अक्टूबर, 2023 तक हमारी मांगों पर सरकार अनुकूल कार्यवाही नही करती है तो हमें मजबूरन राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने से लेकर देहरादून की सड़को पर किसान प्रर्दशन के लिए बाध्य होना पड़ेगा हमारे आपसे करबद्ध आग्रह है कि हमारी पीड़ा का समझे एवं समुचित निदान करें।