देहरादून/दिल्ली
केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार 25 नवंबर को संसद मार्ग, नई दिल्ली स्थित आकाशवाणी के रंग भवन सभागार में लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान, ‘नई चेतना – पहल बदलाव की’ के तीसरे संस्करण का शुभारंभ किया।
लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने की दिशा में सरकार के सामूहिक प्रयास के इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी शिरकत की।
एक माह तक चलने वाले इस अभियान का आयोजन ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्वावधान में दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) द्वारा किया जा रहा है जो सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 23 दिसंबर 2024 तक चलेगा। डीएवाई-एनआरएलएम के देशभर में फैले स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) नेटवर्क के नेतृत्व में यह पहल जन आंदोलन की भावना का प्रतीक है।
यह अभियान “संपूर्ण सरकार” दृष्टिकोण की भावना में एक सहयोगात्मक प्रयास है और इसमें 9 मंत्रालय/विभागो ने हिस्सा लिया।जो इस प्रकार हैं- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, युवा मामले और खेल मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और न्याय विभाग शामिल हैं।
नई चेतना अभियान का उद्देश्य जमीनी स्तर की पहल के माध्यम से लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ जागरूकता बढ़ाना और लक्षित कार्रवाई को बढ़ावा देना है। स्थापना के बाद से, नई चेतना ने देश भर में लाखों लोगों को संगठित किया है, जिससे लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण आंदोलन को बढ़ावा मिला है। पहला संस्करण 3.5 करोड़ लोगों तक पहुंचा था, जिसे कई मंत्रालयों का समर्थन प्राप्त था, जबकि इससे पूर्व नई चेतना 2.0 में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 5.5 करोड़ प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसके तहत देश भर में लिंग आधारित हिंसा पर 9 लाख से अधिक जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गई।
नई चेतना 3.0 के उद्देश्यों में लिंग आधारित हिंसा के सभी रूपों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, हिंसा के खिलाफ समुदायों को आवाज उठाने और कार्रवाई की मांग करने के लिए प्रोत्साहित करना, समय पर सहायता के लिए समर्थन प्रणालियों तक पहुँच प्रदान करना और स्थानीय संस्थाओं को निर्णायक रूप से कार्य करने के लिए सशक्त बनाना शामिल है। अभियान का नारा, “एक साथ, एक आवाज़, हिंसा के खिलाफ़,” अभिसरण प्रयासों के माध्यम से सामूहिक कार्रवाई के आह्वान को दर्शाता है। देश भर से आए प्रतिभागियों के साथ 3.0 में उत्तराखंड भी शामिल है।