उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को हिमालय दर्शन के लिए हेली सेवा और जीएमवीएन की मदद लेनी चाहिये….डॉ निशंक – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को हिमालय दर्शन के लिए हेली सेवा और जीएमवीएन की मदद लेनी चाहिये….डॉ निशंक

केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने हवाई अड्डा सलाहकार समिति, देहरादून हवाई अड्डे की बैठक की अध्यक्षता की

देहरादून,

केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज देहरादून हवाई अड्डे पर हवाई अड्डा सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। समिति की इस बैठक में हवाई अड्डे पर चल रहे निर्माणकार्यों और भविष्य की विस्तार योजनाओं पर चर्चा की गई।

बैठक में अध्यक्ष डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि यह हवाई अड्डा उत्तराखंड को दुनिया में अलग पहचान देने में सहयोग करेगा और इसे वैश्विक मानकों के अनुसार बनाने के लिए सभी संभव प्रयासों को निर्देशित किया जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि हवाई अड्डे पर निर्माण का पहला चरण मार्च 2021 के अंत तक पूरा हो जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने सुझाव दिया कि उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को हिमालय दर्शन जैसी योजनाओं के अंतर्गत हेली सेवा प्रदाताओं और जीएमवीएन की मदद लेनी चाहिए ताकि पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।

उड़ान योजना के बारे में बोलते हुए, अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के पहाड़ी और दूरदराज के क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए इसका लाभ उठाया जाना चाहिए।

पर्यटन के माध्यम से राजस्व बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, अध्यक्ष ने कहा कि कला के जरिए हवाई अड्डे पर राज्य के लोगों को आजीविका प्रदान कि जा सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे के आसपास स्थानीय आबादी की भावनाओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए, खासकर जब हवाई अड्डे का प्रस्तावित विस्तार हो रहा है। अध्यक्ष ने कहा कि हवाई अड्डे के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ पारिस्थितिकी पर पड़ने वाले प्रभाव को भी ध्यान में रखना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हवाई अड्डे के कार्बन फुटप्रिंट को कम से कम किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात की भी सराहना की कि हवाई अड्डे ने एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने देहरादून सिटी, ऋषिकेश और हरिद्वार से हवाई अड्डे की और अधिक बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता पर भी बल दिया। स्थानीय निवासियों के लिए सीएसआर पहल के तहत निधियों का बेहतर उपयोग करने के लिए, डॉ रमेश पोखरियाल ने सुझाव दिया कि इंटर कॉलेज माजरी में बुनियादी ढांचे को फिर से बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्य की विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक ‘हिमालयन लाइब्रेरी’ का निर्माण किया जा सकता है।

यहां यह जानकारी होनी भी अत्यन्त आवश्यक है कि हवाई अड्डा सलाहकार समितियों का गठन नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा किया जाता है, समिति का उद्देश्य हवाई अड्डे पर यात्री सुविधाओं के लिए सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाना है। संसद का संबंधित सदस्य समिति का अध्यक्ष होता है। चेयरपर्सन को सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों से अपनी पसंद के तीन सदस्यों को नामित करने का अधिकार है। यह शिकायत निवारण और हवाई अड्डे के उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर सुविधा प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी साधन के रूप में कार्य करता है।

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