देहरादून
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्र की मोदी सरकार पर उत्तराखण्ड की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड की 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं का धन रोके जाने को केन्द्र सरकार की राज्य के प्रति उपेक्षापूर्ण नीति है। केन्द्र सरकार ने जिन परियोजनाओं का धन रोका है वे उत्तराखण्ड की महत्तवाकांक्षी परियोजनाएं हैं तथा उनसे राज्य को आय के नये साधन तथा रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
माहरा ने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे राज्य जिनके पास आय के सीमित संसाधन हैं, उनके लिए केन्द्र की वाह्रय सहायतित योजना बड़ी योजनाए मददगार साबित हो सकती हैं, लेकिन विकास विरोधी भाजपा सरकार को यह रास नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि जो वाह्रय सहायतित योजनाएं पूर्व में स्वीकृत हो चुकी हैं अब उनका निर्माण खटाई में पड़ सकता है तथा इन परियोजनाओं पर जो धनराशि खर्च हो चुकी है वह व्यर्थ ही हो जायेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा परियोजनाओं की धनराशि पर सीलिंग लगाये जाने से उत्तराखण्ड की जो 20236 करोड़ रुपये की 11 केन्द्र सहायतित परियोजनाएं पाइप लाईन में हैं उन पर भी संकट के बादल मंडरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारें विकास का मात्र खोखला ढोल पीटना जानती हैं परन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा की राज्य सरकार राज्य को अग्रणी राज्य बनाने का झूठा प्रचार कर रही है वहीं भाजपा की ही केन्द्र सरकार इस प्रकार के आदेश जारी कर राज्य को पीछे धकेलने तथा राज्य सरकार के झूठे प्रचार की हवा निकाल रही है। करन माहरा ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से मांग की है कि उत्तराखण्ड राज्य की सभी स्वीकृत परियोजनाओं के लिए स्वीकृत धनराशि से सीलिंग हटाई जाय तथा धनराशि अवमुक्त की जाय।