उत्तराखंड की राजधानी पुलिस ने रजिस्ट्रार दफ़्तर और डीएम दफ्तर के रिकॉर्ड रूम में करोड़ों की जमीनों के फर्जीवाड़े में शहर का नामी वकील गिरफ्तार, कई बड़े नाम फर्जीवाड़े में आ सकते हैं जल्द सामने – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

उत्तराखंड की राजधानी पुलिस ने रजिस्ट्रार दफ़्तर और डीएम दफ्तर के रिकॉर्ड रूम में करोड़ों की जमीनों के फर्जीवाड़े में शहर का नामी वकील गिरफ्तार, कई बड़े नाम फर्जीवाड़े में आ सकते हैं जल्द सामने

देहरादून

उत्तराखंड की राजधानी के रजिस्ट्रार दफ़्तर और डीएम दफ्तर के रिकॉर्ड रूम में करोड़ों की जमीनों के फर्जीवाड़े में पुलिस ने शहर के नामी वकील को गिरफ्तार कर लिया है।

आरोपी ने पूछताछ में कई और बड़े नाम फर्जीवाड़े में शामिल होने बताए हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस ने पूरे मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। अभी तक पांच इलाकों की कई बीघा जमीनों के फर्जीवाड़े की कहानी सामने आई है।

डीआईजी/ एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश में आये अभियुक्तगणों के सम्भावित ठिकानों पर गठित टीम द्वारा बराबर दबिशे दी जा रही है। एसआईटी टीम द्वारा रात दिन कड़ी मेहनत व अथक प्रयासों से मुखबिरों की सहायता से गत दिवस 26 अगस्त को देर रात्रि क्रॉस रोड मॉल के बाहर से वांछित अभियुक्त कमल बिरमानी पुत्र स्व0 हरीश चन्द्र बिरमानी निवासी ईदगाह देहरादून को पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया।

अभियुक्त बिरमानी से पूछताछ में यह बात प्रकाश में आयी कि अभियुक्त सहारनपुर निवासी के0पी0 सिंह (कंवर पाल) को काफी सालों से जानता था के0पी0 इनके पास डालनवाला की एक प्रॉपर्टी का केस लेकर आया था जिसमें अभियुक्त ने के0पी0 की काफी मदद की थी उसके पश्चात के0पी0 ने इनको सहारनपुर में कुछ जमीनो के पुरानी रजिस्ट्री बनवाकर अपने व अपने जानने वालों के नाम चढ़ाकर करोड़ो रूपये कमाने की बाते बतायी थी तथा के0पी0 द्वारा देहरादून में भी पुरानी व विवादित जमीनो पर इसी तरह काम करने के लिए इनसे सलाह मांगी गयी थी।

रूपयों के लालच में आकर अभियुक्त ने के0पी0 को क्लेमनटाउन, पटेलनगर, रायपुर, नवादा, रैनापुर से सम्बन्धित जमींनो के बारे में बताया था तथा उन जमीनो की रजिस्ट्री का मैटर (ड्राफ्टिंग) भी बनाकर दिया था और अपने मुंशी रोहताश तथा वकील इमरान को के0पी0 से मिलवाकर रजिस्ट्रार और तहसील में इनकी मदद करने के लिए बताया था।

पुराने स्टाम्प पेपर और मुहरों की व्यवस्था के0पी0 करता था तथा उसमें जो मैटर (ड्राफ्टिंग) लिखा जाता था वह अभि0 बिरमानी इनको बनाकर देता था इसके बाद वकील इमरान और मुंशी रोहताश द्वारा रजिस्ट्रार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में अजय क्षेत्री, डालचन्द, विकास पाण्डे की सहायता से उन कागजो को रिकॉर्ड रूम में रख दिये जाते थे इसके बाद अभि.कमल बिरमानी द्वारा उनसे सम्बन्धित केसो की पैरवी अपने स्तर से करवाकर राजस्व रिकॉर्ड रूम में नाम दर्ज करा दिया जाता था। अभियुक्त की पूछताछ में कई अन्य अभियुक्तों के नाम भी प्रकाश में आये है जिनके सम्बन्ध में SIT टीम द्वारा गहन जाँच एवं साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है। गठित SIT टीम द्वारा अब तक इस रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में कुल 09 अभियुक्तों की गिरफ्तार किया गया है तथा अन्य प्रकाश में आये अभियुक्तों के विरूद्ध साक्ष्य संकलन एवं बराबर दबिशें दी जा रही है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 15 जुलाई को वादी संदीप श्रीवास्तव सहायक महानिरीक्षक निबंधन देहरादून व जिलाधिकारी द्वारा गठित समिति की जांच रिपोर्ट बाद अज्ञात अभियुक्तगणों की मिलीभगत से धोखाधड़ी की नियत से आपराधिक षडयन्त्र रचकर उप निबंधक कार्यालय प्रथम द्वितीय जनपद देहरादून में भिन्न-भिन्न भूमि विक्रय विलेख से सम्बन्धित धारित जिल्दों के क्रमश: (विलेख सं0 2719/2720 वर्ष 1972, विलेख सं0 3193, विलेख सं0 3192, विलेख सं0 545 वर्ष 1969 विलेख सं010802/10803 ) के साथ छेड़छाड़ कर अभिलेखो की कूटरचना करना के सम्बन्ध में दी गयी तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून पर मु0अ0सं0 281/2023 धारा 420/120बी/467/468/47 भादवि बनाम अज्ञात अभियुक्तगण पंजीकृत किया। गया।

डीआईजी/एसएसपी देहरादून ने इस प्रकरण की गम्भीरता को देख तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अपराध सर्वेश कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा रजिस्ट्रार ऑफिस से जानकारी करते हुए रिंग रोड से सम्बन्धित 50 से अधिक रजिस्ट्रियों का अध्ययन कर सभी लोगों से पूछताछ की। पूछताछ में कुछ प्रॉपर्टी डीलर के अलावा कई लोगों के नाम फर्जीवाड़े में प्रकाश में आये।

यारगठित टीम द्वारा कई संदिग्धों के विभिन्न बैंक अकाउण्ट का भी अवलोकन किया गया जिसमें करोड़ो रुपयों का लेन-देन होना पाया गया। इन लोगो द्वारा बनाये गये दस्तावेजों को रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त करने पर कई फर्जीवाड़े का होना भी पाया गया।

मुकदमें में अभियुक्त मक्खन सिंह, सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल व रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द, अधिवक्ता इमरान अहमद, रोहताश सिंह , राजस्व अभिलेखागार में नियुक्त विकास पाण्डे, रिकॉर्ड रूम में नियुक्त अजय सिंह क्षेत्री को पूर्व में ही पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है जो कि वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार में निरूद्ध है।

इन लोगों से विस्तृत पूछताछ में कई अन्य लोगों के नामों का भी खुलासा हुआ है पुलिस के अनुसार ईनकी तलाश के लिए गठित टीमें लगातार दबिशें, पतारसी-सुरागरसी में जुटी हैं।

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