देहरादून
उत्तराखण्ड के अल्पसंख्यक कल्याण आयोग ने प्रदेश के 7 लोगों को आयोग के सदस्य की जिम्मेदारी सौंपी है। नैनीताल में तिब्बती समुदाय के येशी थुप्तन को बौद्ध समुदाय की तरफ से ऊत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य बनाया गया है।
राज्य सरकार ने राज्यपाल की सहर्ष स्वीकृति के बाद सात सदस्यों को अल्पसंख्यक आयोग में सदस्य के रूप में नामित किया है।
सचिव धीरज सिंह गर्भयाल के हस्ताक्षरों के बाद ऊत्तराखण्ड शासन का ये पत्र राज्यपाल, सचिव मुख्यमंत्री, निजी सचिव सी.एस., समस्त अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव/प्रभारी सचिव, महालेखाकार, समस्त आयुक्त/जिलाधिकारी, महानिदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, निदेशक कोषागार, प्रभारी सचिवालय एन.आई.सी.और सचिव अल्पसंख्यक आयोग को जारी हुआ है।
हँसमुख और सौम्य प्रवृति के येशी, समुदाय के शीर्ष लीडर प्रेमा सीथार के पुत्र हैं। वो स्थानीय तिब्बती युवा कांग्रेस के सचिव 1998 से 2000 तक रह चुके हैं। उन्होंने, स्थानीय तिब्बती युवा कांग्रेस के सचिव के रूप में 2003 से 2009 तक जिम्मेदारी रही है।
राज्यपाल, उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 2002 (समय-समय पर यथासंशोधित) की धारा 3 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियां का प्रयोग करते हुए, निम्न सदस्यों को उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग में सदस्य के रूप में नामित किए जाने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते है…
1. श्रीमती फरजाना बेगम, निवासी रूद्रपुर, जनपद ऊधमसिंहनगर। (महिला सदस्य मुस्लिम समुदाय से)
2. श्री जगजीत सिंह जग्गा, निवासी नानकमत्ता, जनपद ऊधमसिंहनगर। (सिक्ख समुदाय से)
3. श्री गगनदीप सिंह बेदी, निवासी ऋषिकेश, जनपद देहरादून। (सिक्ख समुदाय से)
4. डॉ० सुरेन्द्र जैन, निवासी बाजपुर, जनपद ऊधमसिंहनगर। (जैन समुदाय से)
5. श्री येशी थुप्तन पुत्र श्री प्रेमा जी सिथार, निवासी नैनीताल। (बौद्ध समुदाय से)
6. श्री नफीस अहमद, देहरादून। (मुस्लिम समुदाय से)
7. श्री शकील अन्सारी, पूर्व सभासद, बनबसा जनपद चम्पावत। (मुस्लिम समुदाय से)
उक्तानुसार नामित सदस्यों का कार्यकाल उक्त अधिनियम की धारा 4 की उपधारा (1) के अनुसार पदभार ग्रहण की तिथि से 05 वर्ष होगा।