वर्षिल त्यागी ने अपनाई जन्मदिन पर रक्त डोनेट करने की परंपरा,बोले किसी की जिंदगी बचाने में रक्तदान से ऊपर कुछ नहीं

देहरादून

 

आजकल जन्मदिन को सेलिब्रेट करना एक फैशनेबल ट्रेंड है और हर व्यक्ति , हर युवा इसे अलग अलग तरह से सेलिब्रेट करता है।

वर्षिल त्यागी देहरादून के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में अध्यनरत प्लास्टिक इंजीनियरिंग सिक्स्थ सेमेस्टर का छात्र है। वे भी अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करते हैं । वर्षिल ने अपना अठारहवां जन्मदिन एक नई सोच के साथ मनाया ।

वर्षिल के जन्मदिन पर परिवार के सभी सदस्यों ने ब्लड बैंक जाकर रक्तदान करके दैवीय कार्य किया । आज सड़कों पर दौड़ती भागती जिंदगियों को बचाने में ब्लड डोनेटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। बिना ब्लड के डॉक्टर भी असहाय हो जाते हैं। वर्षिल जैसे युवाओं के कारण ही डॉक्टर भी लोगों की जिंदगी बचाने में समर्थ हो पाते हैं। वर्षिल को रक्तदान की प्रेरणा अपने पिता विशाल त्यागी से मिली। वे भी समय समय पर नियमित रक्तदान करते हैं और अब तक अनेक बार रक्तदान कर चुके हैं। वषिंल की इस नवाचारी सोच और कार्य के लिए संस्थान के टेक्निकल एंड ऑपरेशन सेल के डायरेक्टर डा संजय उप्रेती ने उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

अपने जन्मदिन पर वर्षिल त्यागी और परिवार के सदस्यों द्वारा किया जाने वाला रक्तदान समाज के लिए अनुकरणीय है। अन्य युवाओं को भी वर्षिल से प्रेरणा लेनी चाहिए।

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