देहरादून
देहरादून के पुराने तालाब एवं जोहड़ को अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने के लिए जिला अधिकारी देहरादून सविन बंसल को जल संरक्षण के प्रणेता द्वारिका सेमवाल ने ज्ञापन सौंप कर उनको अतिक्रमण से मुक्त करवाने की मांग की है।
डीएम को लिखे पत्र का मजमून कुछ यूं है..
जल संकट की चुनौती के समाधान के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी वर्ष 2025 को जल वर्ष के रूप में मना रहा हैँ। वर्ष भर विभिन्न गतिविधिया आयोजित की जा रही हैँ, जिसमे तालाबों, झीलों, प्रकृतिक जल स्रोतो को अतिक्रमण से मुक्त करवाने के लिए सरकार एवं समाज से आग्रह किया जा रहा हैँ। द्वारिका ने बताया कि सोमवार को जिलाधिकारी देहरादून को पत्र सौपा गया है साथ ही राजस्व के रिकार्ड में दर्ज 49 तालाब जोहड़ की भी सूची सौपी गई है।
जल सरक्षन ब्रांड एम्बेसडर द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की पानी को बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने की आवश्यकता हैँ, मानवीय अतिक्रमण के अलावा सीमेंट से भी प्राकृतिक जल स्रोत, तालाबों को मुक्त करना अतिआवश्यक हैँ।
सरकारी योजनाओं में प्राकृतिक जल स्रोतो, तालाबों, धारो, तालाबों, नोलो आदि पर सीमेंट का प्रयोग प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
जल वर्ष 2025 को मनाने का उद्देश्य इन प्रयासों को राज्यव्यापी अभियान में बदलना है, जिससे हर नागरिक जल संरक्षण में अपना योगदान दे सके।