देहरादून/ऋषिकेश
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कोरोना वायरस कोविड-19 के प्रकोप के चलते ओपीडी में आने वाले मरीजों की स्क्रिनिंग शुरू हो गई है। साथ ही मरीजों को कोरोना वायरस के प्रति जागरुक किया जा रहा है और इसके बचाव के उपाय सुझाए जा रहे हैं। मरीजों को सुझाव दिया गया है कि वह आपात स्थिति में ही अस्पताल आएं, बताया गया कि इस बीमारी से बचाव का सबसे बेहतर तरीका है कि व्यक्ति अपने घर में रहें व भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से हरसंभव बचें। एम्स संस्थान में निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने बृहस्पतिवार से मरीजों की स्क्रिनिंग शुरू कर दी है। इस दौरान 24 से अधिक चिकित्सकों की टीम ने अस्पताल की ओपीडी में परीक्षण के लिए आने वाले मरीजों की ओपीडी ब्लॉक में जांच की। इस दौरान उनसे कोरोना वायरस के लक्षणों के मद्देनजर सवाल पूछे गए। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि कोरोना वायरस कोविड-19 के विश्वव्यापी बढ़ते प्रकोप के चलते संस्थान में विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यू.एच.ओ. की गाइड लाइन के तहत मरीजों की स्क्रिनिंग शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोरोना आशंकित मरीजों के लिए पंजीकरण, ओपीडी और आइसोलेशन वार्ड की पृथक व्यवस्था की गई है।जिससे दूसरे मरीज इस बीमारी की चपेट में नहीं आ सकें। उन्होंने बताया कि अस्पताल में इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एहतियातन यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इससे कोरोना आशंकित मरीज और सामान्य मरीज अपेक्षित दूरी पर रहेंगे और एक दूसरे में संक्रमण को रोका जा सकेगा। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि मरीजों के स्क्रिनिंग की व्यवस्था वायरस के प्रभावी रहने तक लगातार जारी रहेगी,जिससे लोगों को इसके खतरे से बचाया जा सके। इस दौरान चिकित्सकों ने अस्पताल में आने वाले मरीजों को कोरोना वायरस कोविड- 19 के लक्षण, बचाव व उपचार संबंधी जानकारियां भी दी। इस दौरान मरीजों को सुरक्षा के लिहाज से मास्क भी बांटे गए। इस अवसर पर डा. यूबी मिश्रा,नोडल ऑफिसर डा. प्रसन कुमार पांडा,डा. मीनाक्षी धर. डा. योगेश, डा. अनुभा अग्रवाल, डा. सुलेखा आदि मौजूद थे।