देहरादून
जनहित की विभिन्न समस्याओं को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल ने प्रदेश कोंग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में राजभवन में राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्या से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन प्रेषित किया।
जनहित की विभिन्न समस्याओं की ओर महामहिम राज्यपाल का ध्यान आकर्षित करते हुए कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने संवैधानिक संरक्षक होने के नाते जनहित में शीघ्र निर्णय लेने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने का आग्रह ज्ञापन में कहा गया कि
देश का आम आदमी महंगाई से त्रस्त है तथा व्यापारी वर्ग आर्थिक मंदी जेल रहा है 100 दिन में महंगाई कम करने का वायदा करने वाली भाजपा सरकार ने महंगाई से प्रदेश की जनता का बुरा हाल कर दिया पेट्रोलियम पदार्थों जैसे डीजल पेट्रोल रसोई गैस प्याज के दामों में लगातार हो रही वृद्धि से आम जरूरत की चीजों के दामों में कई गुना वृद्धि के कारण आमजन पीड़ित है जिसके कारण आम आदमी को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है नोटबंदी और जीएसटी के अभी अविवेक पूर्ण फैसलों के कारण देश में लाखों लोग बर्बाद हो चुके हैं। उत्तराखण्ड वासियों का कारोबार चौतरफा प्रभावित हुआ है जीएसटी नोटबंदी के दुष्परिणामों से व्यापारियों के व्यापार उजड़ गए हैं तथा उत्तराखंड जैसे जैसे राज्य में तीन व्यापारी आत्महत्या कर चुके हैं ।भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य के किसानों से वादा किया था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने की दशा में किसानों के शरण माफ किए जाएंगे तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 15 दिन के भीतर किया जाएगा राज्य सरकार के कार्यकाल को 3 वर्ष बीत जाने के उपरांत भी राज्य सरकार अपने इस वायदे पर अमल करने में विफल साबित हुए हैं ।
प्रदेश की चीनी मिलो द्वारा पिछली फसलों का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है जिससे गन्ना किसान असमंजस की स्थिति में है प्रदेश भर में 13 किसान आत्महत्या कर चुके हैं किसान के कर्ज़ माफ किए जाने तथा गन्ना किसानों के बकाए के भुगतान की शीघ्र व्यवस्था होनी चाहिए राज्य की जनता ने जिस आशा और विश्वास विश्वास के साथ भाजपा को भारी बहुमत के साथ डबल इंजन का तोहफा दिया था। आज उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है तथा राज्य के विकास का पहिया पूरी तरह जाम हो चुका है राज्य का बेरोजगार नौजवान इस बात से आशान्वित था कि उन्होंने राज्य में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनाई है तो यहां सरकार उनके बेरोजगारी के मुद्दे का हल निकाल कर यहां के नौजवानों को रोजगार मुहैया कराकर पलायन को रोकने में भी सफल साबित होगी राज्य सरकार के 3 वर्षों का कार्यकाल पूर्ण होने जा रहा है लेकिन किसी भी विभाग में ना तो भर्ती खुली है और ना ही रोजगार के साधन उपलब्ध हो पाए हजारों उद्योग या तो बंद हो चुके हैं या बंदी की कगार पर है तथा उनमें कार्य करने वाले हजारों नौजवान बेरोजगार हो रहे हैं ।
आम जनता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है लेकिन उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त है भ्रष्टाचार पर जीरो बैलेंस का दावा करने वाली सरकार में रोज नए घोटाले सामने आ रहे हैं दिल्ली सरकार एनएच 74 मामले मामले में ना केवल बैकफुट पर है बल्कि एसआईटी की जांच में घोटाले में संलिप्त अधिकारियों की निलंबन के बाद बहालीहो चुकी है। एनआरएचएम घोटाला छात्रवृत्ति घोटाला सिडकुल घोटाला सहित कई अन्य घोटाले के ऑडियो वीडियो सोशल मीडिया में छाए हैं।
100 दिन के अंदर लोकायुक्त लाने वाली सरकार 3 वर्षों में भी लोकायुक्त नहीं लाई लोकायुक्त बिल पास ना कराया जाना अपने आप में वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगता है
प्रदेश सरकार द्वारा जिला विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से उत्तराखंड की जनता लय भारी रोज है खासकर गांव में क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने निजी निर्माण करने के लिए प्राधिकरण के नियमों का पालन सुनिश्चित करने में कठिनाई का सामना करना पढ़ रहा है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का उत्पीड़न हो रहा है जिला प्राधिकरणों के गठन के निर्णय को व्यापक जनहित में वापस लिया जाना चाहिए।
राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है तथा महिलाओं में भय का वातावरण है पिछले 3 वर्षों में राज्य में हत्या लूटपाट चोरी डकैती बलात्कार जैसी अपराधिक घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है।
देहरादून स्थित राज्य दृष्टीबाधितार्थ संस्थान में छात्राओं से छेड़छाड़ की घटना अपने आप में राज्य की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहे है। राज्य में लगातार घट रही इन घटनाओं से गिरती कानून व्यवस्था उजागर होने के साथ-साथ राज्य की अस्मिता का पर भी चोट पहुंची है
जिस टिहरी बांध के लिए राज्य के एक पूरे शहर और उसकी संस्कृति को जेल समाधि दे दी गई है।लाभ अर्जित कर रहे टीएचडीसी जैसे संस्थान का प्रबंधन दूसरे संस्थान को बेचकर उसकी पहचान को मिटाकर उत्तराखंड की जनता की भावनाओं पर कुठाराघात क्या जा रहा है पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के नाम पर राज्य सरकार द्वारा पूर्व में लागू भू अध्यादेश में परिवर्तन कर राज्य के बाहरी लोगों के लिए भूमि क्रय की सीमा को समाप्त कर पृथक राज्य आंदोलन की भावनाओं की अनदेखी की गई है तथा उद्योगपिता एवं भूमाफियाओ को लाभ पहुंचाने का काम किया गया हैं।
ज्ञापन देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अलावा नेता प्रतिपक्ष इन्दिरा हृदयेश, उपनेता प्रतिपक्ष करण महरा, विधायक करण महरा, फुरकान अहमद, ममता राकेश, पूर्व विधायक डाॅ. अनुसूया प्रसाद मैखुरी, राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, गरिमा दसौनी, सुनित सिंह राठौर आदि मौजूद थे।