जब आप संगीत से जुड़ते है तो स्वयं से जुड़ते है और स्वयं से जुड़ना ही एक प्रकार का योग है…वंशीधर तिवारी

देहरादून

 

भारत की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित, प्रचारित एवं प्रसारित करने की दृष्टि से भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में आज किसान भवन, रिंग रोड़, देहरादून में राज्य स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता का शुभारम्भ हुआ।

कार्यक्रम का शुभारम्भ महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा वंशीधर तिवारी द्वारा किया गया। अपने उदबोधन में महानिदेशक द्वारा बच्चों को संगीत के महत्व को बताते हुए कहा कि जब आप संगीत से जुड़ते है तो स्वयं से जुड़ते है और स्वयं से जुड़ना ही एक प्रकार का योग है। साथ ही कुमारी अंजू, रा०इ०का० हरिपुर कालसी एवं मानसी नेगी का उदाहरण देकर कहा कि उत्तराखण्ड की इन बालिकाओं द्वारा राष्ट्रीय पटल पर परचम फहराकर साबित कर दिया कि उत्तराखण्ड की मिट्टी एवं संस्कृति में बहुत दम है। और बच्चों को शुभकामनायें प्रदान की।

अवगत करवायें कि विगत वर्ष कुमारी अंजु ने राष्ट्रीय स्तर की कला उत्सव में ढोलक वादन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया एवं मानसी नेगी द्वारा राष्ट्रीय खेलों में वॉकरेस में जूनियर एथलेटिक्स का रिकार्ड तोड़ा।

कला उत्सव जनपद, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर कक्षा 9 से 12 तक के छात्र / छात्राओं के लिये आयोजित होने वाली प्रतियोगिता है। कला उत्सव में कुल 10 विधाओं संगीत (गायन)- शास्त्रीय संगीत, संगीत (गायन) – पारम्परिक लोक संगीत, संगीत (वादन)- शास्त्रीय संगीत, संगीत (वादन)- पारम्परिक लोक संगीत (वादन), नृत्य-शास्त्रीय नृत्य, नृत्य-लोक नृत्य, दृश्य कला (द्वि-आयामी), दृश्य कला (त्रि-आयामी), स्थानीय खिलौने एवं खेल, नाटक एकल अभिनय प्रतियोगितायें सम्पन्न होती है। उक्त सभी प्रतियोगिताओं में बालक/बालिकाओं के लिये अलग-अलग एवं सभी प्रस्तुतियां एकल प्रकार की होती है।

इस प्रकार प्रत्येक जनपद से 10 बालक एवं 10 बालिकायें कुल 20 छात्र-छात्रायें प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर रहे है। यह कार्यक्रम में 3 दिन 6 दिसम्बर 2022 से 8 दिसम्बर 2022 तक आयोजित होगा।

शास्त्रीय संगीत बालिका एवं बालिका वर्ग सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में अपर राज्य परियोजना निदेशक आकाश सारस्वत ने छात्रों को नया ओज एवं जोश से प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के साथ ही जयशंकर प्रसाद की कविता के बोल अमर्त्य बीर पुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच लो । प्रशस्त पुष्प पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो के बोल से सदैव आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया। कार्यक्रम में संगीत स्वर में शास्त्रीय संगीत एवं पारस्परिक लोक गीत बालक-बालिका वर्ग में सम्पन्न हुये। शास्त्रीय संगीत में बालिका वर्ग में सम्पन्न हुये शास्त्रीय संगीत में राग भैरव, यमन, राग भूपाली. विहाग, भीमपलासी आदि रोगों में छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में दिव्यांग प्रतिभागी कुमारी ज्योति जनपद नैनीताल द्वारा लोकगीत में प्रस्तुति दी। छात्रा की प्रस्तुति पर राज्य परियोजना निदेशक द्वारा नकद पुरूस्कार दिया गया।

लोक गीत में तू जा सुआ नगरी में, न्योत दि आ,दाजू अब नि दिखेन्दी डांडियू मा चौमास

आदि गीत प्रमुखता से प्रस्तुत किये गये।

कार्यक्रम का संचालन बी०पी० मैन्दोली, प्रशासनिक अधिकारी, समग्र शिक्षा एवं अंजू श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम को एम0एम0 जोशी, उप राज्य परियोजना निदेशक, प्रद्युमन सिंह रावत, उप राज्य परियोजना निदेशक द्वारा संबोधित किया गया।

कार्यक्रम में भास्कर रावत, अनूप सिंह नेगी, रिरूपमा बिष्ट, बलविन्दर कौर, ज्योति सुमन, विनोद थपलियाल, अनिल ध्यानी, महेन्द्र घिल्डियाल, विनीता बहुगुणा, सुधा ममगाई, सुमन हटवाल आदि मौजूद रहे।

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