टंकी से गिरता हजारों लीटर पानी जिम्मेदार कौन

देहरादून

प्रदेश की राजधानी कहलाती है ये देहरादून और आजकल इसको खूबसूरत बनाने में लगा हुआ है प्रशासन लेकिन कुछ लोग इस विचार को धूमिल करने से पीछे हटते ही नहीं।

ताजा उदाहरण परेड ग्राउंड की पानी की टंकी है। जिसके पानी को अक्सर बहते हुए देखा जा सकता है। वैसे भी चारो तरफ पानी के बड़े बड़े ट्यूब वेल लगे ही हुए हैं।

स्मार्ट सिटी ने परेड ग्राउंड के चारों तरफ शानदार रोड बनाई हैं। नाली का काम चल रहा है हरियाली कुछ लग चुकी है कुछ और भी लगाने की प्रयास किया जा रहा है।

शुक्रवार सुबह भी लोगो ने ट्यूबवेल की टंकी से पानी गिरने की आवाज सुनी परेड ग्राउंड के पार्क में सुबह सुबह मोर्निग वॉक करने पहुंचे लोगो के लिए आश्चर्य का विषय था। तेज आवाज के साथ घंटों बहता रहा पानी।इतनी देर में हजारो लीटर पानी बह गया। लेकिन जिम्मेदार तो सुबह की मीठी नींद ले रहे होंगे। लेकिन वो है कौन जिसको इतनी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।

 

गर्मी बढ़ते ही पानी के टैंकर भागने शुरू हो। जाते हैं। तब ही पता चलता है पानी की कीमत का।जब मोहल्ले में लगे गिनती के बचे खुचे सड़क के किनारे लगे नलके की वैल्यू अचानक बढ़ जाती है। वैसे तो सड़क के किनारे के नल अब खत्म हो हो चुके हैं।

सड़को किनारे की टंकी  भी अब गायब हो चुकी है। इक्का दुक्का बची हैं।लगभग साल भर पहले मेरे द्वारा ही एक छोटी सी पहल  की गई थी। नेमी रोड पर मौजूद बहुत ही पुरानी टंकी मरम्मत और सफाई के अभाव में कराह रही थी।लोगो का पानी पीने को मन नही होता था। वैसे भी इसी टंकी पर अतिक्रमण हो रखा है।एक तरफ एक नाई महोदय हैं जो वही पर बाल काटते हैं।एक कोना उन्होंने कब्जा रखा है।दूसरी साइड में कपड़े धोने प्रेस करने की दुकान है।यानी वहा पर गंदगी का अंबार दिख रहा था।लेकिन मैने अपने मित्र नेहरू कॉलोनी स्थित गढ़वाल संस्थान के भूपेंद्र चौहान को परिस्थिति बताई और वीडियो भेजी।उन्होंने तुरंत कार्यवाही की और अगला महीना आते आते पूरी की पूरी टंकी की शक्लो सूरत बदल चुकी थी। आज उन दोनो कब्जा धारियों के साथ ही काफी लोग और राहगीर उसका उपयोग करते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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