पुलिस स्मृति दिवस पर दी गयी शहीद जवानों को पुष्पांजलि – Latest News Today, Breaking News, Uttarakhand News in Hindi

पुलिस स्मृति दिवस पर दी गयी शहीद जवानों को पुष्पांजलि

देहरादून

 

पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 21 अक्टूबर का दिन पूरे भारतवर्ष में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया गया।

इस अवसर पर सम्पूर्ण भारत में पुलिस, अर्द्धसैनिक पुलिस संगठनों के शहीद हुए पुलिस जनों को श्रद्धांजलि दी जाती है। आज के ही दिन उन वीर शहीदों को शत्-शत् नमन करते हैं जिन्होंने कर्तव्य पालन में अपने प्राणों की आहुति दी।

देश की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों का है। अपने इसी उत्तरदायित्व को पूर्ण निष्ठा से निभाते हुए पुलिस कर्मियों को अपने जीवन की आहुति भी देनी पड़ जाती है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 377 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस कर्मी शहीद हुए। जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के 3 वीर सपूत ने अपने प्राणों की आहुति दी है।

ड्यूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले ये पुलिसकर्मी हम सब के लिए प्रेरणा के श्रोत हैं। सम्पूर्ण भारतवासी अपने शहीद पुलिस कर्मियों को हार्दिक श्रद्धांजलि देते हुए आज नतमस्तक हैं। इस अवसर पर इन वीर शहीदों के परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदनायें व्यक्त करता हूँ।

आज विश्व आतंकवाद और कोविड-19 महामारी की चुनौतियों से जूझ रहा है। हमें इन चुनौतियों का डट कर सामना करना है तथा इससे निपटने के लिए एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्यवाही की जा रही है।

उत्तराखण्ड राज्य की अन्तर्राष्ट्रीय सीमायें नेपाल, चीन एवं अन्तर्राज्जीय सीमायें हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश से मिलती है। यह प्रदेश भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यन्त संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण है। उत्तराखण्ड पुलिस के समक्ष कई चुनौतियॉ हैं, जिनमें बडे त्यौहार, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, कॉवड यात्रा आदि हैं। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखण्ड पुलिस अपनी उपलब्ध जनशक्ति एवं संसाधनों से इन चुनौतियों का सामना करने में सफल होगी।

पुलिस कर्मी वर्दीधारी संगठन में होने के कारण अनुशासन में बंधे रहते हैं। कठोर एंव विपरीत परिस्थितियों में चुनौतीपूर्ण कार्याे का निवर्हन करते हैं। प्रदेश के विकास एवं शान्ति व्यवस्था/कानून व्यवस्था बनाये रखने में राज्य पुलिस बल की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश शासन पुलिस कर्मियों को अपने दायित्यों का निर्वहन करने हेतु उनकी कल्याणकारी योजनाओं/सुविधाओं पर विशेष ध्यान रख रहा है।

उत्तराखण्ड पुलिस के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अपनी जान की परवाह भी न करते हुए कोविड-19 महामारी के नियंत्रण में सराहनीय कार्य किया जा रहा है, जिसमें पुलिस के बहुत से अधिकारी और कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 13 पुलिस कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित होने से मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा कोविड-19 महामारी के नियंत्रण में किये जा रहे सराहनीय कार्य के दृष्टिगत पुलिस विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मी से निरीक्षक स्तर तक के सभी कार्मिकों को रुपया 10,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के कल्याण हेतु निम्न घोषणाएं करता हूँ-

1- ईनामी अपराधियों को गिरफ्तारी हेतु पुरस्कार की धनराशि में वृद्धि की जायेगी।

2- शहीद पुलिस कर्मियों के नाम पर स्कूल/सड़क का नामकरण किया जायेगा।

3- पुलिस प्रशिक्षण केन्द्रों में अतिथि प्रशिक्षकों को उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी, नैनीताल के अनुरूप मानदेय में वृद्धि की जाएगी।

4- देहरादून में राज्य पुलिस संग्राहलय मेमोरियल की स्थापना की जाएगी।

5- वर्ष 2001 के भर्ती आरक्षियों को 4600 ग्रेड पे दिया जाएगा। बाकी प्रकरणों को केबिनेट उपसमिति एवं वेतन विसंगति समिति द्वारा देखा जाएगा।

मैं एक बार पुनः उन सभी शहीदों को श्रद्धा से नमन करता हूँ जिन्होंने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है। मैं उनके परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूँ।

 

डीजीपी अशोक कुमार ने आप के उद्धबोधन में कहा कि 21 अक्टूबर का दिन देशभर के सभी राज्य पुलिस बलों, केंद्रीय सशस्त्र बलों एवं देश के अन्य सभी केंद्रीय पुलिस संगठनों के लिए एक विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण दिन है । इसकी पृष्ठभूमि के रूप में बताना चाहूंगा कि 21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के 16 हजार फीट ऊँचे बर्फीले एवं दुर्गम क्षेत्र हॉटस्प्रिंग में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी0आर0पी0एफ0) की एक गश्ती टुकड़ी के 10 बहादुर जवानों ने एसआई करन सिंह के नेतृत्व में चीनी अतिक्रमणकारियों से लोहा लिया और अत्यन्त बहादुरी से लड़ते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन्ही वीर सपूतों के बलिदान की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर के दिन को “पुलिस स्मृति दिवस” या पुलिस शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में राज्य पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षा बलों के कुल 377 कर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, इनका विवरण इस प्रकार हैः-

1 आन्ध्र प्रदेश 11

2 अरूणाचल प्रदेश 03

3 असम 07

4 बिहार 06

5 छत्तीसगढ़ 32

6 हिमाचल प्रदेश 04

7 झारखण्ड 04

8 कर्नाटक 16

9 केरल 02

10 मध्य प्रदेश 15

11 मणिपुर 03

12 मेघालय 01

13 उडीसा 04

14 पंजाब 02

15 राजस्थान 02

16 तमिलनाडू 01

17 उत्तर प्रदेश 04

18 उत्तराखण्ड़ 03

19 पश्चिम बंगाल 17

20 अण्डमान और निकोबार द्वीप 02

21 चण्डीगढ़ 02

22 दिल्ली 06

23 जम्मू एण्ड कश्मीर 17

24 लद्दाख 01

25 असम राईफल 03

26 बी0एस0एफ0 47

27 सी0आई0एस0एफ0 08

28 सी0आर0पी0एफ0 82

29 आई0टी0बी0पी0 54

30 एन0एस0जी0 01

31 एस0एस0बी0 05

32 एफ0एस0, सी0डी0 एण्ड एच0जी0 03

33 एन0डी0आर0एफ0 01

34 आर0पी0एफ0 08

कुल योग 377

इस अवधि में उत्तराखण्ड पुलिस के जिन 03 अधिकारियों/ कर्मचारियों ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है, उनका विवरण इस प्रकार हैरू-

1 मुख्य आरक्षी 05 सशस्त्र पुलिस मनोज कुमार, जनपद चमोली

2 आरक्षी 10 सशस्त्र पुलिस बलवीर गड़िया, जनपद चमोली

3 आरक्षी 216 नागरिक पुलिस जितेन्द्र सिंह, पौडी गढ़वाल

उत्तराखण्ड पुलिस के सभी शहीद पुलिस जनों को कोटि-कोटि नमन।

देश में शहीद हुए अधिकांश पुलिस कर्मी नक्सली, आतंकवादी एवं उग्रवादी घटनाओं में शहीद हुए हैं। पुलिस का कार्य 24 घण्टे 365 दिन का होता है। पुलिस थाना कभी बन्द नहीं होता है। प्रतिदिन नये किस्म के अपराध/शान्ति व्यवस्था, आपदा एवं आन्तरिक सुरक्षा की जटिलताएं पुलिस के लिए नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं, जैसे कि साइबर क्राइम और ड्रग्स नवीनतम क्षेत्र है, जहां पुलिस को अपराधियों से जूझना है ।

पूरा विश्व आज कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है। ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उत्तराखण्ड पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा महामारी के नियंत्रण के लिए निरन्तर अथक प्रयास किये जा रहे हैं। इस जोखिमपूर्ण कार्य में हमारे लगभग 4000 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं तथा 13 पुलिस कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण मृत्यु को प्राप्त हुए हैं।

मुख्यमंत्री पुलिस की इन्ही जोखिमपूर्ण कार्य-परिस्थितियों के दृष्टिगत आपके नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवारों के हितार्थ समय-समय पर कई कल्याणकारी योजनाएं जैसे चिकित्सा प्रतिपूर्ति, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना, जीवन रक्षक निधि तथा मेधावी बच्चों को छात्रवृत्ति आदि स्वीकृत की गयी हैं। इन योजनाओं से उत्तराखण्ड पुलिस कर्मी एवं उनके पारिवारिक-जन लाभान्वित होते रहे हैं।

मुख्यमंत्री स्वयं एक सैनिकपुत्र हैं तथा एक जवान की पीड़ा को अच्छी तरह समझते हैं। वे पुलिस कर्मियों की समस्या के प्रति गंभीर एवं संवेदनशील हैं मेरी जब भी मुख्यमंत्री से वार्ता होती है या चर्चा होती है तो मैने देखा है कि उनका रुख पुलिस कर्मियों के प्रति सकारात्मक है एवं वे सदैव उनके कल्याण के प्रति समर्पित रहते हैं । मुझे उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि वह पुलिस कर्मियों के हित में नित नए कदम उठाते रहेंगे।

मैं मुख्यमंत्री को आश्वस्त करना चाहॅूगा कि आपके नेतृत्व में उत्तराखण्ड पुलिस का हर सदस्य सरकार के सकारात्मक रवैये को दृष्टिगत रखते हुए तथा अपने शहीद साथियों के बलिदान से प्रेरणा लेते हुए पूरी लगन, सत्यनिष्ठा एवं जोश से अपने दायित्वों का निर्वहन करेगा तथा कर्तव्यपालन की राह में आने वाली हर चुनौती का सामना करते हुए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करेगा।

स्मृति दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शहीद पुलिस कर्मियों के परिवारजनों को शॉल प्रदान कर सम्मानित किया गया।

 

मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड,मंत्री धन सिंह रावत, गणेश जोशी,मेयर सुनील उनियाल, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक हरवंश कपूर, कुंवर प्रणव चैम्पियन, खजान दास, विनोद चमोली, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन- डॉ0 एस एस सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष एवं सदस्य गण, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक सुभाष जोशी, अनिल के0 रतूड़ी, अपर पुलिस महानिदेशक, सीआइडी/पीएसी पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन- अभिनव कुमार, समस्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हे भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम का संचालन उपनिरीक्षक पूनम प्रजापति एवं फायरमैन मनीष द्वारा किया गया।

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