33 दिनों से चल रहे उपनल कर्मियों के आन्दोलन मे वीरवार को भारी भरकम प्रदर्शन के बाद सीएम के आदेश पर निराकरण को बनी कमेटी

पिछले 33 दिनों से धरने पर बैठे उपनल कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए आंदोलंकारिओं ने सीएम आवास कुंच का निर्णय लिया था एकता विहार से ढोल दमाऊ ओर रणसिंघे के साथ हज़ारों लोगों के एक साथ निकलने के बाद पुलिस ने सहस्त्रधारा क्रासिंग पर लकी धक्का मुक्की के बाद बेरिकेडिंग लगाकर रोक लिया।

हालांकि मौके से अधिकारिओं ने सीएम से उपनल के आंदोलनकारी नेताओं से बात भी कराई।उसके बाद भी हज़ारों की संख्या में निकले कर्मियों को मनाया नही जा सका। हालांकि बाद में सीएम के निर्देश पर एक कमेटी का गठन अवश्य कर दिया गया है।

 

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर उपनल कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण,सम्यक परीक्षण हेतु मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन कर दिया गया है। जिसमे अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव, सैनिक कल्याण विभाग, उत्तराखण्ड शासन उप समिति में सदस्य सचिव होंगे तथा प्रमुख सचिव न्याय, सचिव वित्त, सचिव कार्मिक, प्रबन्ध निदेशक उपनल, निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास, उत्तराखण्ड शासन सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे। इसके साथ ही उप समिति में प्रायोजित उपनल कर्मचारी महासंघ के 2 पदाधिकारीयों को भी सम्मिलित किया जायेगा, इन पदाधिकारियों को पृथक से सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आमंत्रित किया जाना है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि उपनल कार्मिकों का राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यथासंभव उनके हित सुनिश्चित किये जायेंगे।

जबकि सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि उपनल कर्मियों की सेवाशर्तो में सुधार हो। उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार कृतसंकल्प है।

दूसरी तरफ सीएम आवास कुंच रैली में उपनल कर्मी महासंघ के अध्यक्ष कुशाग्र जोशी ने कहा कि सीएम से वार्ता के बाद कुछ उम्मीद दिख रही है लेकिन 22000 कर्मचारी को यू ही कमेटी बनाकर बहलाया नही जा सकता,सही निर्णय होगा तो हम स्वागत करेंगे। सचिब हेमंत ने कहा कि सभी कर्मियों के बीच बैठक कर आंदोलन को खत्म करने या न करने पर निर्णय लिया जाएगा।

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