समन्वय समिति का प्रतिनिधिमण्डल अपर मुख्य सचिव व सचिव वित्त से मिला आश्वासन लेकर लौटा

देहरादून

उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी, शिक्षक समन्वय समिति के प्रवक्ता अरूण पाण्डे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आज समन्वय समिति का प्रतिनिधिमण्डल अपर मुख्य सचिव, आनन्द वर्धन, व सचिव वित्त अमित नेगी, से मिला प्रतिनिधमण्डल ने ए0सी0आर0 में अति उत्तम की बाध्यता समाप्त करने तथा ए0सी0आर0 10वर्ष के स्थान पर ए0सी0पी0 में 5 वर्ष करने के मन्त्रीमण्डल की संस्तुति के बाद भी अभी तक शासनादेश न होने का मुद्दा उठाया जिसमें सचिव वित्त द्वारा एक दो दिन में शासनादेश निर्गत करने का आश्वासन दिया गया। शिष्ठमण्डल द्वारा वेतन विसंगति समिति की रिपोर्ट अभी तक न देने पर नाराजगी व्यक्त की गयी जिस पर अपर मुख्य सचिव द्वारा समिति के अध्यक्ष शत्रुघन सिंह से बात कर शीघ्र कर इस पर कार्यवाही का आश्वासन दिया गया

निगमों को डी0ए0 अभी तक स्वीकृत न होने पर वित्त सचिव अमित नेगी ने एक दो दिन में शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया।

प्रतिनिधिमण्डल में प्रवक्ता अरूण पांडे सचिव संयोजक शक्ति प्रसाद भट्ट, संयोजक बी0एस0रावत तथा बी0एस0विष्ट शामिल थे।

पुनः समन्वय समिति की आज के मा0 मंत्रीमण्डल की बैठक के दृष्टिगत एक आपात बैठक आयोजित की गयी बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देश पर दिनाक 26 नवम्बर को उत्तराखण्ड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के साथ श्री आनन्द वर्धन, अपर मुख्य सचिव,मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनकी वांछनानुसार समन्वय समिति के मांगपत्र के अनुरूप कुछ बिन्दुओं पर कार्यवाही की गयी किन्तु कतिपय बिन्दुओं पर अभी तक सहमति के बावजूद कार्यवाही न होने पर समन्वय समिति में रोष प्रकट किया गया।

बैठक में सर्वसम्मति से लिये गये निर्णय अनुसार अभी तक निम्न बिन्दुओं पर सहमति के बावजूद अभी तक कार्यवाही नहीं हुई है।

(1) राज्य कार्मिकों हेतु 10, 16, 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य करते हुए इस व्यवस्था में मिनिस्ट्रीयल संवर्ग एंव वैयाक्तिक सहायक संवर्ग को भी अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाय। क्योंकि 10, 16, 26 वर्ष पर भी यदि इन कार्मिकों की पदोन्नति नहीं होती है और इनको अन्य कार्मिकों की भांति एम0ए0सी0पी0 का लाभ भी नहीं दिया जाता है तो यह इन कार्मिकों के साथ अन्यायपूर्ण होगा। क्यांेकि यदि इन कार्मिकों की पदोन्नति 10, 16, व 26 वर्ष से पूर्व हो जाती है तो स्वत ही इनको एम0ए0सी0पी0 का लाभ अनुमन्य नहीं होगा।

(2) वर्तमान में जारी शिथिलीकरण (संशोधन) नियमावली 2021, में निम्न विसंगतियों का निराकरण किया जाय

1- शिथिलीकरण नियमावली 2015 में दी गयी व्यवस्थानुसार समूह-ग हेतु शिथिलीकरण किये जाने के लिए विभागाध्यक्ष को अधिकृत किया गया था जो आज भी नियमानुसार लागू होती है परन्तु कतिपय विभागाध्क्षो द्वारा उक्त नियमावली 2021 जारी होने पर नियमावली 2015 को नजरअंदाज करते हुए समूह-ग के प्रकरणों को भी शिथिलीकरण हेतु शासन को भेजने का प्रयास किया जा रहा है जिस पर नियमावली 2015 के अनुरूप विभागाध्यक्षों को समूह-ग में अपने स्तर से ही शिथिलीकरण व्यवस्था स्वीकृत करने के निर्देश जारी किये जाय।

2- शिथिलीकरण नियमावली 2021 को 30.6.2022 तक ही लागू किया गया जिसे आगे निरन्तर लागू किया जाय।

3- जारी शिथिलीकरण नियमावली 2021 में शिथिलीकरण दिये जाने पर पारस्परिक ज्येष्ठता एंव वेतन सम्बन्धी विंसगति उत्पन्न न होने की शर्त जोड रखी है जिसके कारण यदि वरिष्ठता क्रम में वरिष्ठ कार्मिक शिथिलीकरण व्यवस्था नहीं लेता है तो उससे कनिष्ठ कार्मिकों जो शिथिलीकरण लेना चाह रहे हैं में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। अतः इसको पूर्व की भांति स्वेछिक करते हुए यदि वरिष्ठ कार्मिक शिथिलीकरण नहीं लेता है और पदोन्नति के पद रिक्त हैं तो कनिष्ठ कार्मिकों को जो शिथिलीकरण लेना चाह रहे हैं उनको वरिष्ठ कार्मिक को छोडते हुए शिथिलीकरण दिये जाने की व्यवस्था लागू की जाय। उदाहरण स्वरूप जिस प्रकार शासन द्वारा पदोन्नति पर फार्गो (राज्यसात) नियमावली में व्यवस्था दी गयी है कि वरिष्ठ कार्मिक द्वारा फार्गो करने पर उससे कनिष्ठ कार्मिक की पदोन्नति की जायेगी।

4- शिथिलीकरण नियमावली 2021 दिनांक 30.6.2022 तक लागू है इसलिए 30.6.2022 तक जो भी कार्मिक पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि की शर्त पूरी करते हो तो उनको भी शिथिलीकरण प्रदान करने की व्यवस्था के आदेश निर्गत किये जाय।

(3) स्थानांन्तरण अधिनियम 2017 में निम्न विसंगतियों का निराकरण किया जाय।

1- अधिनियम में पारस्परिक स्थानांन्तरण हेतु विभागाध्यक्ष स्तर पर ही किये जाने की स्पष्ट व्यवस्था है इसके बाबजूद भी कही विभागों द्वारा पारस्परिक स्थानांन्तरण हेतु प्रकरण शासन को संदर्भित किये जा रहे हैं जो अधिनियम का उल्लंघन है अतः दो कर्मिकों के स्वेछा से पारस्परिक स्थानांन्तरण हेतु विभाध्यक्ष स्तर पर ही अधिनियम के अनुरूप स्थानांन्तरण किये जाने के पुनः स्पष्ट दिशा निर्देश कार्मिक अनुभाग द्वारा जारी किये जाय।

2- अधिनियम में समूह ख को उसके गृह जनपद एंव समूह ग को उसके गृह तहसील में स्थानांन्तरण न किये जाने की व्यवस्था दी गयी है जो व्यवहारिक नहीं है। अतः इस व्यवस्था को समाप्त किया जाय।

3- मृतक आश्रित में नियुक्त कार्मिक की नियुक्ति भी स्थानांन्तरण अधिनियम के अन्तर्गत दुर्गम क्षेत्र में अनिवार्य रूप से की जा रही है जो मृतक आश्रित नियमावली के विपरीत तथा मृतक परिवार के साथ मानवीय दृष्टिकोण से उचित नहीं है। अतः मृतक आश्रित में नियुक्ति स्थानांन्तरण अधिनियम की परिधि से बाहर रखते हुए मृतक आश्रित नियमावली के अन्तर्गत ही नियुक्ति प्रदान करने के निर्देश शासन के कार्मिक अनुभाग द्वारा समस्त विभागाध्यक्षों को दिये जाय।

4- सेवा निवृत के दो वर्ष शेष रहने पर कार्मिक को उसके स्वेछिक स्थान पर स्थानांन्तरण/पदोन्नति पर पद स्थापना किये जाने हेतु छूट प्रदान की जाय।

5- स्थानांन्तरण अधिनियम प्रदेश के समस्त विभागों हेतु लागू किया गया है जो व्यवहारिक एवं कार्यहित में प्रतीत नहीं होता है। अतः अधिनियम उन्हीं विभागों /संवर्गो हेतु लागू किया जाय जिनकी प्रदेश हित/जनहित में दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती की जानी नितान्त आवश्यक हो, तथा उन विभागों में भी अधिनियम शतप्रतिशत लागू किये जाने की व्यवस्था हो ताकि अधिनियम के अनुरूप प्रत्येक कार्मिक को दुर्गम/सुगम का लाभ प्रदान हो सके।

(4) प्रदेश में पूर्व में तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमीतिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोडते हुए वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/ए0सी0पी0/ पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किये जाने के आदेश वित विभाग द्वारा जारी किये जाय।

आज की बैठक में मुख्य रूप से कृषि व उद्यान विभाग के एकीकरण का विरोध किया गया उद्यान विभाग के पदाधिकारियों ने कहा कि मा0 मंत्री जी के निर्देश पर कर्मचारी संगठनों का पक्ष सुना गया किन्तु सुनवाई की कोई भी कार्यवृत जारी नहीं की गयी। जिससे कार्मिकों में आशंका उत्पन्न हो रही है।

आज समन्वय समिति की बैठक एंव प्रतिनिधिमण्डल में प्रताप पंवार, अरूण पाण्डेय, सुनील कोठारी, शक्ति प्रसाद भट्ट, पूर्णानन्द नौटियाल, एच0सी0 नौटियाल, पंचम बिष्ट, बी0एस0रावत, विक्रम सिंह नेगी, दिनेश गुसांई, संदीप मौर्या, निशंक सरोही, राकेश रावत, बनवारी सिहं रावत, चैधरी ओमबीर सिहं एंव उद्यान विभाग से दीपक पुरोहित प्रान्तीय महामंत्री उ0त0कसंघ, अरविन्द विजल्वाण प्रदेश अध्यक्ष मि0फै0ए0, प्रताप सिह रौथाण, जिलाध्यक्ष उ0त0क0संघ, यशपाल अस्वाल जिला मंत्री, अब्बल सिंह रावत आदि कर्मचारी नेता शामिल थे।

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