IMA से 314 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए जिनमे 11 मित्र देशों के 30 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए, ले.जनरल योगेंद्र डिमरी ने ली परेड की सलामी

देहरादून

 

भारतीय सैन्य अकादमी (IMA)में पासिंग आउट परेड के बाद शनिवार को 314 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए।

इनके साथ 11 मित्र देशों के 30 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए हैं। अकादमी में पासिंग आउट परेड में कुल 344 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल हुए। पासिंग आउट परेड में शामिल हुए।

मध्य कमान के जीओसी इन सी ले.जनरल योगेंद्र डिमरी ने परेड की सलामी ली।

कदम कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा, ये ज़िंदगी है कौम की तू कौम पर लुटाये जा आइएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे।पासिंग आउट परेड में उत्तर प्रदेश के 51 कैडेट्स, उत्तराखंड के 29 कैडेट्स, हरियाणा के 30 कैडेट्स, पंजाब के 21 कैडेट्स, राजस्थान के 16 कैडेट्स, हिमाचल प्रदेश के 17 कैडेट्स, बिहार के 24 कैडेट्स भी शामिल हुए। वहीं 11 मित्र देशों के 30 कैडेट भी सैन्य अकादमी से कोर्स पूरा कर पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। मध्य कमान के जीओसी इन सी ले जनरल योगेंद्र डिमरी ने परेड की सलामी ली। अपने बच्चों को सेना का अधिकारी बनते देख जेंटलमेंट्स कैडेट्स के परिजन भी खुशी से झूम उठे।

परिजनों के लिए यह बेहद भावुक क्षण भी था जब उनका कोई अपना अब देश की सुरक्षा की बागडोर संभालेगा। आईएमए में हर साल दो बार जून और दिसंबर में पीओपी आयोजित की जाती हैं। इस परेड में 51 जेंटलमैन कैडेट के साथ यूपी टॉप पर रहा। 30 कैडेट के साथ हरियाणा दूसरे नंबर और 29 कैडेट के साथ उत्तराखंड तीसरे नंबर पर है। 22 कैडेट के साथ बिहार चौथे और महाराष्ट्र एवं पंजाब (21-21) पांचवें स्थान पर हैं। मुख्य अतिथि ले. जनरल योगेंद्र डिमरी ने कहा कि आज के दौर में युद्ध का चरित्र और प्रकृति बदल गई है। कई नई चुनौतियां सामने हैं और एक योद्धा के रूप में अधिक जागरूक और दक्ष होना होगा। उन्होंने उत्कृष्ट परेड के लिए प्रशिक्षकों और जेंटलमैन कैडेटों की सराहना की। कहा कि परेड में अकादमी के उच्च मानकों व अनुशासन व का प्रतिबिंब साफ दिखता है। उन्होंने कहा कि यह विदेशी कैडेटों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमेशा के लिए उनकी स्मृति में अंकित रहेगा। विदेशी कैडेटों ने यहां रहकर जो रिश्ते बनाए हैं, वह आगे भी दो देशों को एक साथ बांधें रखेंगे। ले. जनरल ने सर्वश्रेष्ठ कैडेटों को सम्मानित किया। स्वार्ड आफ आनर पवन कुमार, रजत पदक जगजीत सिंह को प्रदान किया गया। इसी तरह पुरापु लिखीत को कांस्य पदक मिला। अभिषेक शर्मा और नेपाल के जेंटलमेन केडेट टेकनिकल ग्रैजूएट कोर्स में अव्वल रहे।

पीओपी में शामिल होने वाले कैडेट्स प्रदेश वाइज इस प्रकार हैं…

उत्तर प्रदेश से 51,हरियाणा से 30,उत्तराखंड से 29,बिहार से 22,महाराष्ट्र और पंजाब से 21-21, हिमाचल से 17राजस्थान और मध्यप्रदेश से 15,दिल्ली से 13,केरल से 10,जम्मू एंड कश्मीर और कर्नाटक से 9-9,पश्चिम बंगाल से 8, तमिलनाडु से 5 असम, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश से 4-4, मणिपुर, झारखंड, तेलंगाना और चंडीगढ़ से 2-2,अरुणाचल, नगालैंड, ओडिशा, त्रिपुरा, लद्दाख और नेपाल (भारतीय सेना) से 1-1 कैडेट भारतीय सेना का हिस्सा बने।

हालांकि इन देशों के भी हैं कैडेट्स शामिल हुए जिनमे..

भूटान- 13,मालदीव- 3,म्यांमार-1 ,नेपाल-2,श्रीलंका-4,सूडान-1तजाकिस्तान-2,तंजानिया-1तुर्कमेनिस्तान-1,वियतनाम-1औरउज्बेकिस्तान-1 कैडेट्स हैं।

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