देहरादून
भारतीय सैन्य अकादमी यानी आईएमए को सन् 1932 से अब तक देश विदेश को 62956 ऑफिसर देने का गौरव हासिल हो गया है।
आईएमए की पहचान सेना को हज़ारों अफसर देने वाले एक बड़े संस्थान के रूप में भी की जाती रही है।
साल में दो बार यानी हर 6 महीने में आई एम ए जैंटलमैन कैडेट पास आउट होकर देश की सेना का हिस्सा बनते रहे हैं।
पुनः आगामी 12 जून को आई एम के इतिहास में देश-विदेश की सेनाओं को अधिकारी देने की संख्या 63000 को पार कर जाएगी।
अपनी स्थापना के 89 वें साल की यात्रा में आई एम ए अब तक भारत सहित 34 मित्र देशों को 62,956 सेना के अधिकारी दे चूका है। जिनमें से केवल 2572 सैन्य अधिकारी मित्र देशों से है। 12 जून 2021 के बाद आई एम ए के इतिहास में 63381 सैन्य अधिकारी देने का रिकॉर्ड इतिहास में दर्ज हो जाएगा।
बताते चले कि इस बार आई एम ए की पासिंग आउट परेड में कोरोना के चलते कैडेट्स के परिजन शामिल नहीं हो पाएंगे।
हालांकि आईएमए प्रशासन की बात मानी जाए तो हणेशा की तरह पारंपरिक कार्यक्रमों को पूरी तरह से निभाया जाएगा लेकिन इन सबमे भी कैसेट्स के परिजन शामिल नहीं होंगे।
परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी में आईएमए के अफसरों की फैमिली अवश्य शामिल होंगी।
आई एम में इस बार पासिंग आउट परेड में रिव्यूइंग ऑफीसर यानी के चीफ गेस्ट के रूप में वेस्टर्न कमांड के जीओसी पीवीएसएम, एवीएसएम और वीएसएम लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह परेड की सलामी लेंगे।
आईएमए देहरादून की पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल हिमानी पंत ने बताया कि पासिंग आउट परेड की तैयारियां पूरी कर ली गई है।परेड में कोविड-19 का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा सभी कल्चरल प्रोग्राम पूर्व की भांति ही आयोजित होने हैं। कार्यक्रम को सूक्ष्म रूप दिये जाने की कोशिश अवश्य की गई है लेकिन इस बार भी पासिंग आउट परेड में कैडेट्स के परिजन शामिल नहीं हो पाएंगे।