देहरादून/चमोली
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इलाके का हवाई सर्वेक्षण के बाद चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत में दी जानकारी
सेना,ITBP समेत DDRF, NDRF व जिला प्रशासन राहत बचाव में जुटा हुआ है।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया।
हवाई सर्वेक्षण व सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चमोली में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा वहां पर बीआरओ के लगभग 400 मजदूर काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँचा दिये गए हैं और सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस हादसे में छह मजदूरों के मारे जाने एवम 4 घायलों की जानकारी मिली है।
मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि मौके पर सेना और आईटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ वहां पर आगे बढ़ी है और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुटा हुआ है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं आवश्यकतानुसार इनको मौके पर भेजा जाएगा।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात 10 चमोली कंट्रोल रूम द्वारा सूचना मिली थी कि सुमना पोस्ट से आगे रिमझिम पोस्ट की तरफ ग्लेशियर टूटने की घटना हुई है जहां ग्रीफ द्वारा पुल निर्माण का कार्य किया जा रहा था।
घटना की जानकारी मिलते ही बचाव इकाइयां ,शासन व प्रशासन तत्काल हरकत में आ गया था। रात्रि का समय और मौसम अत्यधिक खराब होने व अत्यधिक बर्फबारी से मार्ग अवरुद्ध होने के बावजूद SDRF रेस्क्यू टीम इंस्पेक्टर हरक सिंह राणा के नेतृत्व में रेस्क्यू हेतु मौके को रवाना हुए और जोशीमठ से 31 किलोमीटर आगे रात्रि में ही सुराईथोटा पहुंचे जहां ग्रीफ का बेस कैंप है ग्रीफ कमांडर से संपर्क कर कैंप से 31 किलोमीटर आगे मलारी है से भी आगे 16 किलोमीटर आगे सुमना पोस्ट है।